स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर स्मृति सभा का आयोजन

लखनऊ। स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थित चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा पर कर्तव्या फाउंडेशन एवं सुमंगलम परिवार द्वारा आज़ाद स्मृति सभा का आयोजन किया गया । सुमंगलम परिवार के महासचिव राजकुमार ने राष्ट्र के सुरक्षा -सम्मान एवं समृद्धि हेतु संकल्प दिलाते हुए  कहा की आज देश के लिए मरने नहीं जीने की आवश्यकता है। हम सभी अपने पूर्वजो एवं शहीदो का स्मरण कर संकल्प ले संकल्प ले की अपनी समस्त प्रतिभा -क्षमता देश के सर्वांगीण विकास में समर्पित करेंगे। 

कर्तव्या  फाउंडेशन के महासचिव डॉ हरनाम सिंह ने कहा की शहीदो  के सपनो को साकार करना  ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।  हम सभी इन  क्रांतिकारियों से प्रेरणा लेकर अपनी प्रतिभा क्षमता देश के सर्वांगीण उन्नति के लिए  समर्पित करे जिससे भारत पुनः विश्व का शिरमौर बने।  

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो मनोज दीक्षित ने कहा की पाठ्य पुस्तको में कर्न्तिकारियो के समुचित इतिहास को पढ़ाया जाना चाहिए जिससे विद्यार्थी इनसे प्रेरणा ले सके।  लखनऊ विश्वविद्यालय संस्कृतिकी के अध्यक्ष प्रो एन के पाण्डेय ने कहा की आज़ाद के बलिदान ने युवावों को झकझोर दिया जिससे युवा स्वतंत्रता समर में कूद पड़े और देश स्वतंत्र हुआ। आज़ाद की प्रतिमा पर छतरी और प्रकाश की व्यवस्था शीघ्र ही विश्वविद्यालय द्वारा करायी जाएगी। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला संघ चालक सुभाष चन्द्र अग्रवाल ने विखरी ताकत जुटा देश की फिर सवार दे छठा देश की गीत के माध्यम से युवाओं में देशभक्ति का संचार किया। विद्यार्थी परिषद लखनऊ महानगर के अध्यक्ष प्रो आर के शुक्ल ने कहा की युवा देश का भाग्य विधाता है। युवा क्रांतिकारियों से प्रेरणा लेकर अपने कार्य क्षेत्र में जुटे तभी आज़ाद के सपनो का भारत बनाया जा सकेगा। 

बॉटनी विभाग के अध्यक्ष प्रो आर आर सिंह ने सभी को समाज -देश के प्रति कर्तव्यों को निर्वहन करने का आह्वान कर श्रद्धांजलि अर्पित की। शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रो एवं एडिश्नल प्रॉक्टर डॉ नीरज जैन ने क्रांतिकारियों और युवाओ के सम्बन्ध को बताया की युवा ही क्रांति करता है। आवश्यकता है राष्ट्र निर्माण के लिए युवा पीढ़ी आगे आये। 

शिक्षा शास्त्र लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो अनिल शुक्ल ने आज़ाद के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की वर्त्तमान पीढ़ी शहीदो का बताये रस्ते पर चले। स्मृति सभा को विद्यार्थी परिषद के उपाध्यक्ष डॉ शिवकुमार मिश्रा , डॉ महेंद्र अग्निहोत्री,  डॉ अवधेश त्रिपाठी , प्रो ओंकारनाथ उपाध्याय ,डॉ मुकेश मिश्रा , रविन्द्र नाथ ने सम्बोधित किया जिसमे विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षक, कर्मचारी और छात्र उपस्थित रहे। 

बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर लाल बाग चौराहा स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।  जिसमे वक्ताओं ने कहा की स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है का उद्घोष देकर तिलक जी ने देश के लिए मर मिटने वाले युवाओ की शृंखला कड़ी कर दी।  जिससे मजबूर होकर अंग्रेजो को भारत छोड़ना  पड़ा।  लाल-बाल-पाल की त्रिवेणी  ने देश में स्वराज के लिए अपना सर्वश्व समर्पण कर आज़ादी की नीव डाली।