लखनऊ: प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अब पेट्रोल पर 16.74 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 9.41 रुपए की दर से वैट फिक्स कर दिया है । ये दरें न घटेंगी और न बढ़ेंगी। यानी प्रति लीटर पर ग्राहक को इतना भुगतान करना ही होगा। अभी तक प्रदेश सरकार की व्यवस्था के तहत पेट्रोल पर 26.80 फीसदी और डीजल पर 17.48 फीसदी वैट लगता था। ऐसी स्थिति में जब तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के रेट घटाती थीं तो उसी अनुपात में वैट की दरें भी घट जाती थीं। इससे ग्राहकों को भी लाभ हो जाता था। हालांकि यूपी सरकार को राजस्व का भारी घाटा होता था। 

बीते एक साल में कई बार पेट्रोल और डीजल के रेट घटे जिससे प्रदेश सरकार को करोड़ों के राजस्व की क्षति हो रही थी। इस राजस्व घाटे से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने यह उपाय निकाला कि पेट्रोल डीजल पर वैट टैक्स प्रतिशत में लेने के बजाय फिक्स रेट से लिया जाए जिससे पेट्रोल डीजल सस्ता होने पर सरकार की राजस्व आय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके लिए आज कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। 

इस प्रस्ताव की स्वीकृति से पेट्रोल और डीजल सस्ता होने का लाभ लोगों को नहीं मिल सकेगा। लोगों में इस सरकार के इस फैसले को लेकर नाराजगी न हो, इसलिए यह फैसला प्रदेश सरकार ने बहुत ही गुपचुप तरीके से किया। यह प्रस्ताव एजेंडे में शामिल नहीं था। एजेंडे के बाहर से यह प्रस्ताव लाया गया और इस मामले में सरकार के नुमाइंदे यहां तक कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे।