भोपालः व्यापमं घोटाले पर संसद के साथ साथ मध्य-प्रदेश विधानसभा में भी भारी हंगामा जारी है. इस मामले को लेकर जहां लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई भी ठप्प है कुछ इसी तरह का हाल मध्यप्रदेश विधानसभा का भी है। 

इसी सप्ताह सोमवार से शुरु हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष का विरोध जारी रहा।  इसको देखते हुए व्यापमं मामले को लेकर भारी हो-हंगामे के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा अनिश्चकाल के स्थगित कर दिया गया।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर विपक्ष के हंगामे की वजह से नौ दिन तक चलने वाला मानसून सत्र तीन दिन में ही समाप्त हो गया। 

आज मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन की शुरूआत भी नारेबाजी के साथ हुई।  सदन की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेसी विधायक नारेबाजी करने लगे।  इस वजह से पहले तो 10 मिनट के लिए विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।  बाद में दोबारा कार्रवाई शुरू होते ही हंगामा जारी रहा।  इस पर अध्यक्ष ने दूसरी बार आधे घंटे के लिए कार्रवाई स्थगित कर दी।   बाद में भी हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्रवाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 

व्यापमं घोटाले को लेकर मंगलवार को राज्य विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया जिसकी वजह से प्रश्नकाल तक नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही पहले दस मिनट और फिर समूचे प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई।  कांग्रेस सदस्यों के इस आचरण को लेकर विधायी मामलों के मंत्री की ओर से उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा गया जिसे सदन ने पारित कर दिया. सदन में जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, कांग्रेस के सुंदरलाल तिवारी व अन्य व्यापमं घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी एवं हंगामा करने लगे।