लखनऊ। अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूरा करने पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राज्यपाल रामनाइक राज्य सरकार के कई कार्यो को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने थानों में जाति विशेष (यादव) के लोगों की तैनाती और नौकरियों में भी जाति विशेष के लोगों के बोलबाले पर राज्यपाल रामनाईक राज्य सरकार से जवाब तलब करेंगे। राज्यपाल ने अगले लोकायुक्त के चयन तक मौजूदा लोकायुक्त के बने रहने संबंधी कानून पर भी सवाल उठाया। मेयरों के अधिकारों में कटौती करने संबंधी नगरीय निकाय अधिनियम में संशोधन करने वाले विधेयक को मंजूरी देने के पक्ष में भी राज्यपाल नहीं है। राज्यपाल का मानना है कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन संविधान की मंशा के विपरीत है। मंत्री आजम खां द्वारा उन पर समय-समय लगाए जाने वाले आरोपों पर राम नाईक ने कहा कि अपवाद स्वरूप उन्होंने आजम पर कुछ भी न बोलने का निर्णय किया है। सूबे के राज्यपाल के पद पर एक वर्ष पूरा करने पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राम नाईक ने कहा कि वह आरएसएस के हैं लेकिन भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं। वह राज्यपाल के पद की गरिमा को समझते है।
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