पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) से गठबंधन की नई व्याख्या पेश की है। उन्होंने एक दोहे के जरिये खुद को चंदन और लालू को भुजंग यानी सांप बता डाला है। वह सोशल मीडिया के जरिए बिहार की जनता के सवालों का जवाब दे रहे थे। नीतीश के इस जवाब का राजद ने विरोध किया है और कहा है कि इस तरह का बयान नहीं दिया जाना चाहिए।

दरअसल नीतीश ने जनता से सीधे संवाद के लिए ट्विटर पर हैशटैग #AskNitish से बात शुरू की थी। इसी बीच @SunilVChandak ने उनसे सवाल पूछा कि अगर इस चुनाव में लालू जी आपसे ज्यादा सीट जीत जाते हैं तो आपका मुख्यमंत्री बनना मुश्किल होगा और अगर सीएम बन भी गए तो लालूजी चाहेंगे कि वो अपने हिसाब से काम करें। इस सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि बिहार का विकास मेरी अहम प्राथमिकता है। इसके बाद उन्होंने एक दोहा लिख दिया।

जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग।

चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।

इस दोहे का हिन्दी मतलब होता है कि जो व्यक्ति उत्तम प्रकृति का होता है उसके चारों तरफ कुसंगति (बुरी संगति) के लोग भी कुछ नहीं कर सकते। जैसे चंदन के पेड से सांप लिपटे रहते हैं लेकिन फिर भी चंदन शीतलता प्रदान करता है। यानी चंदन के पेड़ पर सांप के लिपटने से भी उसके स्वाभाव (शीतलता को) कोई फर्क नहीं पड़ता। यानी सांप काटना नहीं छोड़ता और चंदन शीतलता प्रदान करने का अपना स्वभाव नहीं त्यागता।

नीतीश ने साफ किया है कि वो बिहार में विकास के अपने एजेंडे को जारी रखेंगे। इसके लिए वो पहले भी प्रयासरत थे और आगे भी प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने चंदन का मिसाल देते हुए साफ किया है कि उनकी नीयत पहले भी विकास करने का रहा है और आगे भी रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि विपक्ष की ओर से लगातार बदनाम करने से उनकी छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि बाद में नीतीश ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि मैंने बीजेपी को सांप कहा था क्योंकि उनके विचार जहरीले है।