जम्मू : राजौरी शहर में कुछ वीएचपी कार्यकर्ताओं की ओर से आतंकी संगठन आईएसआईएस का झंडा जलाए जाने के बाद अल्पसंख्यक समूहों की ओर से झंडे पर लिखी धार्मिक पंक्तियों को लेकर प्रदर्शन करने के बाद किया गया। मंगलवार को आईएस का झंडा जलाए जाने के बाद राजौरी में तनाव भड़क गया। हालात को काबू में करने के लिए शहर में कफ्यू लगा दिया गया।

जानकारी के अनुसार, कुछ इलाकों में पुलिसवालों पर पथराव किया गया। हालात बिगड़ने पर सेना को बुलाना पड़ा। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का आरोप है कि जलाए गए झंडों पर धार्मिक लाइनें लिखी थीं। उन्होंने वीएचपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग की। साथ में चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

राजौरी की जिलाधिकारी दीप्ति उप्पल ने बताया कि मंगलवार को कर्फ्यू की अवहेलना करने वाले 15 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। उन्होंने साथ ही कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि चार या चार से अधिक लोगों को एक जगह एकत्र होने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई थी, लेकिन लोग फिर भी प्रतिबंधों को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। ऐसे में शहर में कर्फ्यू लगाना आवश्यक हो गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिन पहले वीएचपी कार्यकर्ताओं की ओर से आईएस का झंडा जलाये जाने की खबर के बाद स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।

राजौरी में समुदाय विशेष ने धार्मिक पंक्तियां लिखे झंडे को जलाने वाले वीएचपी और बजरंग दल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार नहीं किये जाने पर ‘बंद’ की धमकी दी। उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने दोनों समुदायों से शांति की अपील की। सिंह ने हालांकि वीएचपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से इनकार कर दिया।