हरारे। जिम्बाब्वे के स्पिन गेंदबाज प्रास्पर उत्सेया ने खुद को नस्लभेद का पीडित बताया है। 30 वर्षीय उत्सेया ने जिम्बाब्वे क्रिकेट के प्रबंध निदेशक एलिस्टेयर कैंपबेल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

जिम्बाब्वे क्रिकेट के चेयरमैन विल्सन मनासे को लिखे पत्र में उत्सेया ने कहा कि कैंपबेल उनके खिलाफ निजी एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं। इस कारण ही उन्हें हाल में विश्वकप की टीम (प्लेइंग इलेवन)में शामिल नहीं किया गया था। ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक उत्सेया ने आरोप लगाया है कि क्रिकेट पर नियंत्रण के लिए कैंपबेल ने 2010-12 में क्रिकेट समिति के चेयरमैन के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान श्वेत कोचों और प्रशासकों की नियुक्ति की।

बकौल उत्सेया, डोमिनस स्पोर्ट का गठन करने में कैंपबेल के हितों का टकराव था। डोमिनस स्पोर्ट उनके कार्यकाल के दौरान जिम्बाब्वे क्रिकेट के मार्केटिंग मामले देखती थी। कैंपबेल के इस काम का जिम्बाब्वे क्रिकेट के कोष पर असर पड़ा। उत्सेया ने पुष्टि की है कि जिम्बाब्वे के पाकिस्तान दौरे के पहले उन्होंने यह पत्र लिखा था।

कैंपबेल ने इस मामले पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि यह मामला कानूनी या आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लंबित है। आईसीसी ने सितंबर 2014 में परीक्षण के बाद उत्सेया पर प्रतिबंध लगाया था।

दिसंबर में उनकी ऑफ स्पिन को अवैध पाया गया था। हालांकि उनकी अन्य गेंदे वैध थी। इसलिए उन्हें तब तक दोबारा गेंदबाजी की अनुमति दी गई जब तक वह ऑफ स्पिन गेंद का इस्तेमाल नहीं करते।