नई दिल्ली: मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले आज लोकसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्यमंत्री ने सभी दलों की बैठक बुलाई है। बैठक का मुख्य एजेंडा सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से चलाना है। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडु की ओर से बुलाई गई बैठक सुबह 10 बजे से शुरू हुई और इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य गैर-हाजिर रहे। सूत्रों के अनुसार बैठक में सरकार की ओर से कहा गया है कि वह सभी मुद्दों पर बातचीत को तैयार है।

वहीं, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दोपहर 12 बजे सभी दलों की बैठक बुलाई है। लोकसभा का मॉनसून सत्र कल से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा। इस बार व्यापमं, ललित गेट, छत्तीसगढ़ का राशन घोटाला और महाराष्ट्र के चिक्की घोटाले जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।

बता दें कि संसद में विपक्षी हमले के आसार को लेकर हुंकार भरते हुए भाजपा ने सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान जैसे अपने नेताओं पर प्रहार का आक्रामक तरीके से जवाब देने तथा कांग्रेस नेताओं से जुड़े विवाद उठाने का फैसला किया।

मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल सहित पार्टी के विभिन्न सहकर्मियों तथा पार्टी प्रवक्ताओं के साथ रणनीतिक बैठकें की जिस दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं।

इसके साथ ही, शाह ने रणनीति को और बेहतर बनाने के लिए जेटली और राजनाथ सिंह तथा वेंकैया नायडू जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। बातचीत में भाग लेने के लिए चौहान भी बाद में दिल्ली पहुंच गए।

किसी का इस्तीफा नहीं लेने की बात स्पष्ट करते हुए बैठक में यह भी चर्चा हुई कि मंगलवार से शुरू हो रहे सत्र के दौरान संसद में इन मुद्दों पर विपक्ष के हमले का मुकाबला और सरकार एवं पार्टी के जवाब को कैसे सुसंगत किया जाएगा।

कांग्रेस ने धमकी दी है कि यदि राजे, विदेश मंत्री सुषमा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान को हटाने की मांग नहीं मानी जाती है तो संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी।

आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के साथ संपर्क को लेकर वसुंधरा हमलों का सामना कर रही हैं। ललित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे हैं। सुषमा पर भी ललित की मदद करने के आरोप हैं। व्यापमं घोटाले में चौहान विपक्ष के निशाने पर हैं। सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से पार्टी को संकट में डाले हुए विवादास्पद मुद्दों पर भाजपा रक्षात्मक नहीं दिखना चाहती है।

पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने बताया, ‘हम कांग्रेस के दुष्प्रचार अभियान का आक्रामक और प्रभावी तरीके से मुकाबला करेंगे।’ वह शाह की बैठक में मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि जहां तक ललित मोदी विवाद की बात है, कांग्रेस पूरी तरह से भ्रमित है। एक ओर तो वे ललित मोदी की टिप्पणियों को लेकर हमारे नेताओं के इस्तीफे मांग रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके पास प्रियंका गांधी, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा और सोनिया गांधी की बहन के खिलाफ आरोपों का कोई जवाब नहीं है। हम इन पर उनका जवाब मांगेंगे।

भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी ने इस बात का भी जिक्र करने का फैसला किया है कि किस तरह से न्यायपालिका ने व्यापमं घोटाले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा चौहान को घसीटे जाने की कोशिशों पर संज्ञान लेने से शुरूआत में इनकार कर दिया था।

पार्टी का मानना है कि ललित मोदी के साथ सौदे में वसुंधरा या उनके बेटे दुष्यंत सिंह की ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया। शाह से मुलाकात करने वालों में पार्टी की ओर से मीडिया में आने वाले चेहरों में एमजे अकबर, श्रीकांत शर्मा और संबित पात्रा शामिल हैं।

सुषमा को हटाने के लिए दबाव डालने के अलावा विपक्ष ने संकेत दिया है कि वह मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को भी निशाना बनाएगी जो शैक्षणिक प्रमाणपत्र के सिलसिले में आरोपों का सामना कर रही हैं।

चावल घोटाले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी निशाना बनाए जा सकते हैं। सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (कांग्रेस) को निशाना बनाए जाने का अनुमान है जो आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में संलिप्त हैं। संसद में अपनी सरकार के समक्ष चुनौतियां पेश आने की संभावनाओं का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को एनडीए के सभी घटक दलों की पहली बैठक बुलाई है ताकि विपक्ष का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा की जा सके।

अपने आवास पर सहयोगी दलों के साथ बैठक से पहले मोदी दो सर्वदलीय बैठकों में भी शरीक हो सकते हैं जिन्हें संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सत्र के सुगमता से चलने को सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा के लिए बुलाई है।

संसद में विपक्ष के गर्म तेवर दिखने के आसार को भांपते हुए मोदी ने शुक्रवार को स्वीकार किया था कि मुकाबला होगा।

भाजपा नीत एनडीए के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है जबकि ऊपरी सदन (राज्यसभा) में संख्या बल कम है जहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और जीएसटी तथा भूमि विधेयक सहित अहम विधेयकों के पारित होने की कुंजी अपने पास रखे हुए है।