सुषमा, शिवराज, राजे मुद्दे पर आक्रमक नज़र आएगी मोदी सरकार 

नई दिल्ली। संसद के आगामी मॉनसून सत्र के लिए अपना रूख तय करते हुए भाजपा ने सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान से जुड़े विवादों पर रक्षात्मक नहीं होने का फैसला किया। साथ ही, पार्टी सदन में खुल कर इसका मुकाबला करेगी, जहां इन मुद्दों पर हंगामा होने के आसार हैं।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली, सुषमा, स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल सहित पार्टी के विभिन्न सहकर्मियों तथा पार्टी प्रवक्ताओं के साथ रणनीतिक बैठक की है जिस दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थी।

संसद में वसुंधरा, सुषमा और शिवराज के मुद्दे पर बैकफुट पर नहीं रहेगी BJP संसद के आगामी मॉनसून सत्र के लिए अपना रूख तय करते हुए भाजपा ने 

किसी का इस्तीफा नहीं लेने की बात स्पष्ट करते हुए बैठक में यह भी चर्चा हुई कि मंगलवार से शुरू हो रहे सत्र के दौरान संसद में इन मुद्दों पर विपक्ष के हमले का मुकाबला और सरकार एवं पार्टी के जवाब को कैसे सुसंगत किया जाएगा।

कांग्रेस ने धमकी दी है कि यदि राजे, विदेश मंत्री सुषमा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान को हटाने की मांग नहीं मानी जाती है तो संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी। सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (कांग्रेस) को निशाना बनाए जाने का अनुमान है जो आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में संलिप्त हैं।

संसद में अपनी सरकार के समक्ष चुनौतियां पेश आने की संभावनाओं का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल राजग के सभी घटक दलों की पहली बैठक बुलाई है ताकि विपक्ष का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा की जा सके।

अपने आवास पर सहयोगी दलों के साथ बैठक से पहले मोदी दो सर्वदलीय बैठकों में भी शरीक हो सकते हैं जिन्हें संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सत्र के सुगमता से चलने को सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा के लिए बुलाई है।

संसद में विपक्ष के गर्म तेवर दिखने के आसार को भांपते हुए मोदी ने शुक्रवार को स्वीकार किया था कि मुकाबला होगा। भाजपा नीत राजग के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है जबकि ऊपरी सदन (राज्यसभा) में संख्या बल कम है जहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और जीएसटी तथा भूमि विधेयक सहित अहम विधेयकों के पारित होने की कुंजी अपने पास रखे हुए है।

राजग के वरिष्ठ मंत्रियों ने विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी पार्टियों के रूख को देखते हुए सरकार के विधायी कामकाज को आगे बढ़ाने की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए बृहस्पतिवार को एक बैठक की थी। सरकार ने मॉनसून सत्र के कामकाज के लिए 35 विषय को अंतिम रूप दिया है जिनमें नौ विधेयक शामिल हैं जो राज्यसभा में लंबित हैं और चार लोकसभा में लंबित हैं। इसके अलावा 11 नए विधेयक पेश किए जाएंगे।