मुंबई: सलमान खान की बजरंगी भाईजान शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह फिल्म मनोरंजन के पैमाने पर फिट बैठती है। फिल्म रिश्तों की संजीदगी की कहानी है जिसे कबीर खान ने अपने अंदाज में पिरोया है। फिल्म इंसानी रिश्तों के साथ उसमें उमड़ते जज्बातों की कहानी है जिसके केंद्र में वह बच्ची घूमती है जो पाकिस्तान की है और जिसे उसके देश ले जाने के लिए सलमान खान अपनी जान हथेली पर ले लेते है।

बजंरग बली यानी हनुमान जी के कट्टर भक्त का किरदार निभा रहे सलमान ने इस बार बिल्कुल अलग तरह का किरदार निभाकर सबको हैरान कर दिया है। सलमान का किरदार दर्शकों को उनके किरदार से जोड़ पाने में कामयाब रहा है। वह इस भूमिका में बिल्कुल रंग गए है।

‘बजरंगी भाईजान’ का निर्देशन किया है, कबीर खान ने जो सलमान के साथ इससे पहले ‘एक था टाइगर’ जैसी ब्लॉक बस्टर बना चुके हैं। फिल्म की कहानी एक पाकिस्तानी बच्ची के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी मां से बिछुड़कर भारत में रह जाती है और इस बच्ची की मुलाकात होती है पवन कुमार चतुर्वेदी यानी सलमान खान से।

मुन्नी (हर्षाली मल्होत्रा) छह साल की बच्ची है जो एक आयोजन के दौरान पाकिस्तान से भूलवश भारत आ जाती है। मुन्नी गूंगी है । वह बोल नहीं सकती। ऐसे में वह न लोगों को समझा पाती है और न ही लोग उसकी बात समझ पाते हैं। तभी उसकी मुलाकात पवन कुमार चतुर्वेदी यानी सलमान खान से होती है। पवन एक सीधा-सादा और सच्चा इंसान है। मुन्नी से मुलाकात के बाद उसे सही सलामत पाकिस्तान पहुंचाना ही उसका मकसद बन जाता है और यहीं से असल फिल्म की शुरुआत होती है। यह देखना दिलचस्प है कि इस दौरान सलमान को किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है और अंत में…।  

सलमान ने इस फिल्म में अपने किरदार में जान डाल दी है। बजरंगी के किरदार में सलमान लाजवाब दिखे हैं। एक चुनौतीपूर्ण किरदार को निभाकर उसमें अपने जानदार अभिनय से उन्होंने जान डाल दी ही। करीना ने बेहतरीन अभिनय किया है। न्यूज चैनल के रिपोर्टर के रोल में नवाजुदीन का अभिनय कमाल का है और कई बार वह सलमान पर हावी होते नजर आए हैं। लेकिन बच्ची हर्षाली मल्होत्रा की अदाकारी का जवाब नहीं है। सलमान ने इस फिल्म की रिलीज से पहले कहा था कि हर्षाली इस फिल्म की ट्रंप कार्ड है। यकीनन हर्षाली की क्यूट स्माइल दर्शकों को सिनेमाघरों तक ले जाने के लिए काफी है। उसने अपने दमदार अभिनय से गूंगी बच्ची के किरदार को जीवंत कर दिया है।

फिल्म के गाने ठीक हैं पर ‘सेल्फ़ी ले ले’ और ‘भर दे झोली’ के अलावा कोई और गाना जुबान पर शायद नहीं चढ़ सका है। अदनान सामी की कव्वाली भी प्रभावित करती है। कुल मिलाकर यह फिल्म मनोरंजन के हर डोज से भरपूर है। ऐसे भी सलमान के फिल्म में किसी लॉजिक या तर्क को ना ही ढूंढा जाए तो बेहतर है। सलमान के फैंस को यह फिल्म जरूर पसंद आएगी। और बच्चों को हर्षाली की मुस्कुराहट फिल्म देखने के बाद भी जरूर याद रहेगी। कुल मिलाकर यह फिल्म देखी जा सकती है जिसे परिवार के साथ बच्चे भी मजा ले सकते है।