नई दिल्ली : चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रायल्स को दो साल के लिये निलंबित करने का प्रस्ताव रखने वाली समिति के प्रमुख जस्टिस आर एम लोढा ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड आईपीएल की दोनों टीमों को भंग करने के लिये स्वतंत्र है।

समिति के प्रस्ताव को लेकर असमंजस की स्थिति के मद्देनजर जस्टिस लोढा ने स्पष्टीकरण दिया। असमंजस इस बात को लेकर था कि समिति के फैसले के बाद बीसीसीआई दोनों टीमों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकती है।

जस्टिस लोढा ने कहा, ‘टीमों को भंग करने के बारे में बीसीसीआई को फैसला लेना है। इस पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय स्पष्ट है। बीसीसीआई ऐसा कर सकती है।’ यह पूछने पर कि समिति ने खुद ऐसा क्यों नहीं किया, जस्टिस लोढा ने कहा, ‘हमें अनुशासन समिति के रूप में नियुक्त किया गया था और करार के प्रावधान 11.3 के तहत बीसीसीआई इस पर फैसला लेगा, हम नहीं।’ 

बीसीसीआई आईपीएल करार के प्रावधान 11.3 (सी) में कहा गया है कि यदि फ्रेंचाइजी, कोई फ्रेंचाइजी समूह और या मालिक ऐसा काम करते हैं जिससे लीग, बीसीसीआई आईपीएल, बीसीसीआई, टीम या किसी और टीम या क्रिकेट की छवि को ठेस पहुंचती है तो करार रद्द किया जा सकता है।