वियना : ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर कुछ अंतिम अवरोधों को दूर करने के बाद मंगलवार को ऐतिहासिक समझौते पर सहमति बन गई तथा एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा है कि इसमें तेहरान और वाशिंगटन के बीच वह समझौता भी शामिल है जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों को निगरानी कार्य के लिए ईरानी सैन्य स्थलों पर जाने की इजाजत होगी।

लेकिन यह जरूरी नहीं है कि किसी भी स्थल पर जाने की अनुमति दे ही दी जाए और यदि अनुमति दी भी जाती है तो भी इसमें विलंब किया जा सकता है। यह एक ऐसी शर्त है जिसके बारे में करार के आलोचकों का कहना है कि इससे तेहरान को संभवत: अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करने के किसी भी निशान को ढंकने का समय मिल जाएगा।

समझौते के तहत ईरान को संयुक्त राष्ट्र के आग्रह को चुनौती देने का अधिकार होगा और ऐसी स्थिति में वह मध्यस्थता बोर्ड इस बारे में फैसला करेगा कि जिसमें ईरान तथा दुनिया की छह प्रमुख शक्तियां शामिल हैं। इस सबके बावजूद यह समझौता ईरान के शीर्ष अधिकारियों के उस रूख में काफी नरमी का संकेत है जिसमें तहत उन्होंने पहले कहा था कि संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी को ऐसे स्थलों पर जाने की इजाजत कभी नहीं दी जाएगी।

 ईरान ने दलील दी थी कि आईएईए के ऐसे दौरे की आड़ में उसकी सैन्य गोपनीयताओं की जासूसी होगी। आज सुबह यूरोपीय संघ ने ऐलान किया कि ईरान और छह प्रमुख देश वियना के समयानुसार सुबह 10.30 बजे संपूर्ण ब्यौरे को लेकर बातचीत करेंगे और फिर संवाददाता सम्मेलन होगा। पश्चिमी जगत के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि वे उस समझौते का अनुमोदन करेंगे जिस पर आज सुबह सहमति बनी है। इस राजनयिक ने पहचान गुप्त रखने की मांग की क्योंकि गोपनीय वार्ताओं पर टिप्पणी करने का अधिकार उनके पास नहीं है।