लखनऊ। हिंदू संगठन अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने 8 अगस्त को लखनऊ में होने वाली अखिल भारतीय उलेमा बैठक का विरोध करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) की शाखा राष्ट्रीय मुस्लिम मंच बैठक का आयोजन कर रहा है।

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के पदाधिकारियों के मुताबिक बैठक का मकसद हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच सौहार्द बनाना है। बैठक की थीम है दहशत,दंगा, नफरत और हिंसा मुक्त भारत तथा महोब्बत, अमन सलाहियत और सलामती युक्त भारत। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यवाहक अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने कहा, हमारे कार्यकर्ता रविंद्रालय को सीज कर लेंगे और उलेमाओं और संघ नेताओं को उसमें घुसने नहीं देंगे।

तिवारी ने कहा,अगर झगड़ा हुआ तो हम इसके लिए भी तैयार हैं। इस उलेमा बैठक का मकसद सिर्फ भाजपा के लिए मुस्लिम वोटर तैयार करना और हिंदुओं व मुस्लिमों को गुमराह करना है। तिवारी का कहना है कि संघ हिंदुओं को सुरक्षा देने और हिंदू राष्ट्र बनाने के अपने एजेंडे से भटक गया है। तिवारी के मुताबिक संघ ने पहले हिंदू वोटों के लिए राम मंदिर का मुद्दा उठाया। अब वह उलेमा बैठकों,इफ्तार पार्टियों और ईद मिलन के जरिए मुस्लिमों के तुष्टिकरण में जुटा है।

संघ इनके जरिए अपनी राजनीतिक शाखा भाजपा को आगामी विधानसभा में राजनीतिक लाभ दिलाना चाहता है। बकौल तिवारी संघ पहले हिंदू महासभा की युवा शाखा थी। संघ के संस्थापक के.बी.हेडगेवार छह साल तक हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष रहे। अखिल भारतीय हिंदू महासभा की बिल्डिंग में अभी भी संघ के कई कार्यालय चल रहे हैं। संघ हिंदू महासभा की शाखा है,जो इस्लाम मुक्त भारत का अभियान चला रही है।