लंदन : विंबलडन का महिला युगल खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बनने के बाद उत्साह से लबरेज टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को उम्मीद है कि उनकी यह जीत देश में कई और लड़कियों को जीवन में बड़े लक्ष्य बनाने के लिए प्रेरित करेगी।

सानिया और स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस की शीर्ष वरीय जोड़ी को यहां फाइनल में एकाटेरिना मकारोवा और एलेना वेस्नीना की रूस की जोड़ी को 5-7, 7-6, 7-5 से हराने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ा।

सानिया ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘अन्य के लिए प्रेरणा बनना अहम है लेकिन बेशक मैं इसके बारे में बिलकुल भी नहीं सोच रही थी। मैं खेलती हूं और जीतना चाहती थी क्योंकि आप जीतने के लिए ही खेलते हो। लेकिन उम्मीद करती हूं कि इससे अन्य लड़कियां जीतने के लिए प्रेरित होंगी।’ 

पूरे मैच के दौरान विरोधी जोड़ी ने शानदार सर्विस की लेकिन सानिया ने कहा कि अपने उपर विश्वास के कारण ही उनकी जोड़ी जीतने में सफल रही। सानिया ने कहा, ‘इस तरह के मैच में जब शीर्ष वरीय और दूसरी वरीय जोड़ियां खेल रही होती हैं तो टूर्नामेंट का यह सर्वश्रेष्ठ मैच होता है। यह अविश्वसनीय रूप से रोमांचक था। मैं खेलने को लेकर रोमांचित थी। उम्मीद करती हूं कि देखने वालों के लिए भी यह रोमांचक रहा होगा।’’ 

सानिया ने कहा, ‘यहां तक कि जब हम पिछड़ रहे थे तब भी हमें पता था कि हम अपना सब कुछ झोंक रहे हैं। हम वषरें तक अपने जीवन में इन्हीं लम्हों के लिए काम करते हैं। हम इसके लिए ही खेलते हैं। हम मैच जीतकर गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।’ इस भारतीय स्टार ने कहा कि वह और हिंगिस अधिकतर समय बराबरी पाने की ही कोशिश करते रहे लेकिन उन्हें मैच के दौरान पर्याप्त मौके मिले।

उन्होंने कहा, ‘हमें प्रत्येक गेम में मौके मिले।। हम दोनों को अपने ऊपर विश्वास था। यहां तक कि 2-5 के स्कोर पर भी हमें नहीं लगा कि हम पिछड़ रहे हैं और मैच से बाहर हो चुके हैं। हमें सिर्फ एक ब्रेक की जरूरत थी और अंत में ऐसा ही हुआ।’ हिंगिस ने कहा कि एक समय उनकी जोड़ी भी उम्मीद कर रही थी कि भाग्य उनका साथ दे क्योंकि रूस की जोड़ी काफी अच्छी सर्विस कर रही थी।