लखनऊ। बाराबंकी के कोठी थाने में नीतू द्विवेदी को पुलिसकर्मियों द्वारा जला देने की घटना में नया मोड़ आ गया है। फॉरेंसिक टीम की जांच रिपोर्ट के हवाले से पुलिस महानिरीक्षक लोक शिकायत मुथा अशोक जैन ने दावा किया है कि महिला को थाने के अंदर आग नहीं लगी थी। आज पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए आइजी जैन ने बताया कि फॉरेंसिक टीम को थाने के अंदर कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं मिला। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गयी है। जैन का कहना था कि इस सिलसिले में उन्होंने बाराबंकी के एसपी से भी बातचीत की तो उन्होंने भी ऐसी जानकारी दी।

आरोप है कि सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीतू द्विवेदी को उस समय कोठी थाने में जिंदा जला दिया गया था, जब वह अवैध हिरासत में रखे गए अपने पति राम नारायण द्विवेदी को छुड़ाने पहुंची थीं। मंगलवार को लखनऊ में उनकी मौत हो गयी। हालांकि इस मामले को लेकर अलग- अलग तर्क दिए गए। महिला के पुत्र का आरोप था कि पुलिस ने ही उसकी मां को जलाया लेकिन उसकी तहरीर जबरन बदलवायी गयी जबकि पुलिस अधिकारियों का तर्क था कि महिला ने खुद थाने के बाहर आग लगायी।