लखनऊ: परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से जुड़े पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है।

पर्रिकर ने छावनी बोर्ड के नवनियुक्त सदस्यों के कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा, ’ हर सवाल का जवाब दिया जाना जरूरी नहीं है। मैं भारत का रक्षा मंत्री हूं, पाकिस्तान का नहीं। भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा करने में सक्षम है। ’ यह बात उन्होंने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री आसिफ द्वारा एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान की गयी इस टिप्पणी के बारे में कही कि यदि अपनी रक्षा के लिए आवश्यक हुआ तो हम परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह प्रतिरक्षा के लिए बनाये गये है दिखाने के लिए नहीं।

संयुक्त राष्ट्र में मुंबई आतंकी हमले के मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान द्वारा जेल से रिहा कर दिये जाने के मामले में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए भारत के प्रस्ताव को चीन द्वारा रोक दिये जाने के बारे में पार्रिकर ने कहा , ’ यह विषय मुझसे जुडा हुआ नहीं है। यह विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री से संबंधित है। ’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी नगर उफा में कल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई लगभग डेढ घंटे की मुलाकात में इस विषय को मजबूती से और बडी स्पष्टता के साथ रखा है।

‘वन रैंक , वन पेंशन’ पर पर्रिकर ने कहा,’ यह अंतरविभागीय मामला है। जहां तक रक्षा मंत्रालय का सवाल है , हमारा काम पूरा हो गया है। इसमें समय लग रहा है , मगर इतना कह सकते है कि जल्दी ही खुशखबरी मिलने वाली है। ’

रक्षा मंत्री ने सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा, ’ इसमें कमी आयी है। ’ आतंकवादियों के खिलाफ भविष्य में म्यामांर जैसे किसी अभियान के बारे में पूछने पर , उन्होंने कहा , ’ ऐसी बातें गुप्त रखी जाती हैं और बताई नहीं जा सकती है। ’ छावनी परिषद के नवनियुक्त सदस्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आये पर्रिकर ने कहा कि जहां तक छावनी क्षेत्र में विकास परियोजनाओं का सवाल है रक्षा मंत्रालय की तरफ से इसमें कोई बाधा नहीं आने पायेगी।

उन्होंने कहा , ’ रक्षा मंत्रालय छावनी परिषद क्षेत्र में विकास योजनाओं कोई रूकावट नहीं डालेगा। जहां भी आवश्यक है हमने विकास कार्यो के लिए जमीन दी है। मगर सुरक्षा के सवाल पर कोई समझौता नहीं होगा। ’ रक्षा मंत्री ने छावनी परिषद अधिनियम 2006 में संशोधन की तरफ भी इशारा किया, जिसके तहत छावनी परिषदों को उस क्षेत्र में विकास कार्य करने का अधिकार प्राप्त है। नवनियुक्त सदस्यों के प्रशिक्षण शिविर में 24 छावनी परिषदों के 163 सदस्य भाग ले रहे है , जिनमें से 114 पहली बार चुने गये हैं।