लखनऊ। अब माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली के खिलाफ लोकायुक्त जांच के घेरे में हैं। स्कूलों को मान्यता देने में भ्रष्टाचार व गंभीर आरोपों से घिरे अधिकारी को हरदोई का डीआइओएस नियुक्त करने पर लोकायुक्त ने उन्हें नोटिस भेजा है। जवाब के लिए २१ जुलाई का समय दिया गया है। इससे पहले भी तीन मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त के यहां भ्रष्टाचार की शिकायत हो चुकी है।

हरदोई निवासी बाबा भगत तेज गिरि ने मार्च में लोकायुक्त के यहां एक शिकायत दाखिल कर डीआइओएस जेपी मिश्र पर परीक्षा केंद्र बनाने में गड़बड़ी करने, स्कूलों को मान्यता की संस्तुतियों में भ्रष्टाचार का इल्जाम लगाया था। उन्होंने मंत्री महबूब अली पर डीआइओएस को संरक्षण देने का आरोप भी मढ़ा था। इस शिकायत की जांच चल रही थी कि अब जुलाई में तेज गिरि और दो अन्य लोगों ने लोकायुक्त के यहां नया हलफनामा दाखिल कर महबूब अली पर सीधे कई आरोप लगाए गए हैं। इनमें बिचौलियों के जरिये भ्रष्टाचार करने आरोप तो है ही, स्कूलों की मान्यता में गड़बड़ी के साक्ष्य भी दिए गए हैं। नये शपथ पत्र में इल्जामों की गंभीरता देखते हुए लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली को नोटिस जारी किया है। नोटिस में पूछा है कि डीआइओएस जेपी मिश्र पर ढेरों इल्जाम व सतर्कता जांच के बाद किन परिस्थितियों में उन्हें हरदोई में तैनात किया गया। कितने स्कूलों को मान्यता दी गई। जेपी मिश्र को भी नोटिस जारी की गयी है।

महबूब अली राज्य सरकार के चौथे मंत्री हैं, जिनके खिलाफ लोकायुक्त के यहां भ्रष्टाचार की शिकायत दाखिल हुई है। यह और बात है कि लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने साक्ष्य के अभाव में तीन मंत्रियों के खिलाफ जांच बंद कर दी है। लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिस पर सफाई के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है।