लखनऊ: ‘विश्व जुनोसिस दिवस‘ के अवसर पर आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ में उ0प्र0 पशुचिकित्सा संघ द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रदेश के पशुधन एवं लघु सिंचाई मंत्री राज किशोर सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा पशुओं को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए रोग निरोधक टीकाकरण निःशुल्क कर दिया गया है। प्रदेश में प्रथम बार समस्त जनपदों के समस्त गौ एवं महिषवंशीय पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग निरोधक के 4,52.40 लाख टीकाकरण कर इतिहास रचा गया। उन्होंने कहा कि टीकाकरण का कार्य वर्ष में दो बार किया जाएगा। रैबीज रोग रोकने के लिए विभाग द्वारा 1.20 लाख प्रतिरोधक टीका एवं रोग्रसित कुत्तों के द्वारा  अन्य पशुओं को काटने पर  3.75 लाख उपचारात्मक टीकों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मार्च में अमेठी के सुकुलबाजार विकास खण्ड में पक्षियों में बर्ड फ्लू नामक महामारी रोग के पाये जाने पर सम्भावित संक्रमित 811 पक्षियों की कलिंग की गई जिससे रोग की व्यापकता को रोका गया। 

पशुधन मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रत्येक डेरी पर जाकर पशुओं की चिकित्सा की जाए क्योंकि डेरी में यदि एक भी पशु रोगग्रस्त होगा तो उससे हजारों मनुष्य रोगग्रस्त हो जायेंगे। उन्होंने कामधेनु योजना, कुक्कुट पालन तथा टीकाकरण योजना के सफल क्रियान्वयन तथा उल्लेखनीय प्रगति पर विभागीय अधिकारियों तथा चिकित्सकों को बधाई दी।

कार्यशाला में बोलते हुए पशुपालन निदेशक डा0 रूद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विश्व जुनोसिस दिवस पशुओं से मनुष्यों में होने वाले विविध रोगों से मानव जाति को बचाने तथा जनजागरूकता बढ़ाए जाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि पशुओं से मनुष्यों में लगभग 250 रोग संचारित होते हैं जिनमें मुख्य रूप से रैबीज या रोगग्रसित कुत्ते के काटने से होने वाला पागलपन या जलान्तक रोग है, जिससे हमारे देश में प्रतिवर्ष 30 हजार लोग मौत के मुॅह में समा जाते हैं। इसी प्रकार बर्ड फ्लू,  मस्तिष्क ज्वर, माल्टाफीवर, ग्लैण्डर एवं फार्सी, स्वाइन फ्लू, टीबी, चेचक, गिल्टी रोग, खुरपका-मुॅहपका आदि प्रमुख रोग हैं जो कि उचित जानकारी के अभाव में सीधे पशुजन्य उत्पादों के द्वारा जनस्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं जिसका परोक्ष रूप से प्रभाव प्रदेश व देश के आर्थिकी पर पड़ता है।