यरूशलम। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के खिलाफ वोटिंग में भारत के गैर हाजिर रहने के पीछे पीएम नरेंद्र मोदी की इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से निभाई दोस्ती है! नेतन्याहू ने यूएन में वोटिंग से एक दिन पहले मोदी को इस मामले पर फोन किया था। भारत शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के पिछले साल गाजा पर किए हमले के खिलाफ हुई वोटिंग में अनुपस्थित रहा था। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक संभवतया इजरायली पीएम ने इसी विषय पर कुछ और देशों के प्रमुखों को भी फोन किया था।

भारत के इस कदम को उसकी विदेश नीति में बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने यूएन में वोटिंग से ठीक पहले आई इस फोनकॉल पर कोई टिप्पणी नहीं की है और कहा है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

उधर, भारत सरकार ने भी इजरायल पर अपनी नीति में किसी तरह के बदलाव से इनकार किया है। भारत का कहना है कि यूएन में वोटिंग के दिन उसकी अनुपस्थिति का कारण इजरायल को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में घसीटने का प्रस्ताव था। भारत का मानना है कि यह गैरजरूरी कदम है।

मानवाधिकार मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव पर वोटिंग में भाग नहीं लेने के लिए इसराइल ने भारत को धन्‍यवाद दिया है। इसराइल के राजदूत डैनियल कारमोन ने ट्वीट किया, “भारत समेत जिन देशों ने मतदान का बहिष्कार किया हम उनकी सराहना करते हैं।”

उधर, इसराइली अखबार हारेट्ज ने लिखा कि यह नई दिल्ली के रूख में एक अहम बदलाव है। परंपरागत रूप से भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर इसराइल के खिलाफ सभी प्रस्तावों का समर्थन किया है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से दोनों देशों के गहराते संबंधों का यह एक और उदाहरण है।