नोएडा : अंग्रेज बनने का प्रयास मत कीजिए, जब जरूरत पड़े तो अंग्रेजी बोलिए। यह सलाह गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां एक निजी संस्थान के छात्रों को दी। छात्रों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि कई लोगों को गलतफहमी है कि वह अंग्रेजी के खिलाफ हैं।

मंत्री ने आधे घंटे से ज्यादा समय तक हिंदी में भाषण देते हुए कहा, जरूरत पड़ने पर अंग्रेजी बोलनी चाहिए। लेकिन अंग्रेज बनने का प्रयास मत कीजिए। अंग्रेजी बोलने से ज्ञान नहीं होता। उन्होंने कहा कि किसी को भी अंग्रेजी से नफरत नहीं करनी चाहिए लेकिन हर भारतीय को अपनी भाषा के प्रति गर्व का आभास होना चाहिए।

उन्होंने कहा, मैं केवल हिंदी के बारे में बात नहीं कर रहा हूं बल्कि सभी भारतीय भाषाओं की बात कर रहा हूं। खाली अंग्रेज नहीं बनो। पहले भारतीय बनो। सिंह ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि वर्तमान पीढ़ी के कई बच्चे अपने अभिभावकों का उपयुक्त तरीके से अभिवादन नहीं करते और सिर्फ ‘‘हाय’’ या ’’बाय’’ करते हैं।

उन्होंने कहा, माता-पिता का पैर छूना और उनका आशीर्वाद लेना भी जरूरी होता है। अगर किसी बच्चे को पिता का आशीर्वाद मिलता है तो उसे जिंदगी में उंचाईयां छूने से कोई नहीं रोक सकता। गृह मंत्री ने छात्रों से कहा कि जिंदगी में हमेशा सकारात्मक रूख रखना चाहिए क्योंकि नकारात्मकता समाज के लिए हानिकारक है।

जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, सभी आतंकवादी निरक्षर नहीं होते। कई आतंकवादी काफी पढ़े लिखे हैं। लेकिन उनके ज्ञान का इस्तेमाल नकारात्मक सोच और नकारात्मक काम में किया जाता है। जब ज्ञान का इस्तेमाल नकारात्मकता के लिए किया जाता है तो यह विध्वंसक होता है।

गृह मंत्री ने छात्रों से कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से गौरवान्वित महसूस करें। उन्होंने कहा, भारत को आज पूरी दुनिया में सूचना प्रौद्योगिकी में योगदान के लिए जाना जाता है। हमारी सरकार डिजिटल प्रशासन देने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से न केवल निवेश आएगा बल्कि इससे करीब 18 लाख भारतीयों को नौकरियां मिलेंगी। सिंह ने कहा कि भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने अपनी योग्यता और कड़े परिश्रम से देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा, हमें आईटी क्षेत्र में भारत की पूरी क्षमता का दोहन करने की जरूरत है।