लखनऊ: बेमौसम भारी बरसात एवं ओलावृष्टि से प्रभावित हुए किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। जिलों-जिलों में किसान मुआवजे की मांग को लेकर आन्देालनरत हैं। मुआवजे के नाम पर किसानों के साथ केन्द्र और प्रदेश की सरकार खिलवाड़ कर रही हैं।

प्रदेश कांग्रेस के जोनल प्रवक्ता संजय बाजपेयी ने आज जारी बयान में कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने आपसी मिलीभगत के तहत जब किसान बेमौसम बरसात एवं ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग कर रहे थे और फसलों के नष्ट होने के कारण सदमें में आत्महत्या कर रहे थे और मौतें हो रही थीं। उस समय कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी, कंाग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी सहित प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री जी ने आवाज उठायी तो इस दबाव में इन दोनेां सरकारों ने यह घोषणा की कि 33 प्रतिशत फसलों के नुकसान हुए किसानों की आर्थिक भरपाई की जायेगी किन्तु आज स्थिति यह है कि जो समुचित मुआवजा पहले की भांति मिलता था इस घटाये हुए प्रतिशत के अनुसार मुआवजा नहीं मिल पा रहा है इसका परिणाम है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों हरदोई, लखीमपुरखीरी, शाहजहांपुर, रामपुर, सीतापुर, उन्नाव, बरेली आदि जनपदों में किसान सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

श्री बाजपेयी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उस समय यह भी घोषणा की थी कि सहकारी समितियों सहित किसी भी तरह का राजस्व पीडि़त किसानों से नहीं वसूला जायेगा और किसानों को पुनः फसली ऋण दिया जायेगा। परन्तु राज्य सरकार की यह घोषणा सिर्फ हवाई साबित हुई है। फसली ऋण देना तो दूर रहा आज किसानों से राजस्व वसूली जोरों पर चल रही है और किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है।  केन्द्र की भाजपा सरकार और प्रदेश की समाजवादी पार्टी के शासनकाल में किसान आंसू बहाने के लिए मजबूर है।