लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने समाजवादी पार्टी (सपा) के शासन में प्रदेश में दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं समेत कमजोर वर्गों पर हमले व हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता प्रकट की है।
पार्टी के राज्य सचिव रामजी राय ने आज जारी एक बयान में कहा कि झांसी व मुजफ्फरनगर में दलितों की सरेआम पिटाई, शामली में एक विक्षिप्त अल्पसंख्यक युवक की पिटाई करते हुए शहर में घुमाने, फैजाबाद में दंगा भड़काने की कोशिश और लखनऊ समेत अन्य जगहों पर महिलाओं के साथ दुराचार व हत्या की हाल की घटनाएं इस बात का गवाह हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शासन में कमजोर वर्गों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं और सरकार का उन पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। शाहजहांपुर में पत्रकार को राज्य सरकार के एक मंत्री के इशारे पर जला कर मार डालने की घटना सामने है।
माले राज्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की दयनीय हालत से जहां अपराधी-माफिया ताकतों पर कोई लगाम नहीं रह गया है, वहीं संघ-भाजपा समर्थित दंगा भड़काने वाले सांप्रदायिक तत्वों को भी खुल कर खेलने का मौका मिल गया है।
राज्य सचिव ने कहा कि भाकपा (माले) 30 जून को जिला मुख्यालयों पर होने वाले आल इंडिया पीपुल्स फोरम (एआईपीएफ) के राज्यव्यापी प्रदर्शन में शामिल होकर उपरोक्त सवालों के साथ-साथ महंगाई, किसान-विरोधी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश, श्रम कानूनों में मजदूर-विरोधी बदलाव आदि मुद्यों पर प्रदेश व केंद्र सरकार को घेरेगी।
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