नई दिल्ली। क्या आज के जमाने में कोई जिंदा शख्स खुद समाधि ले सकता है, सुनने में जरूर अटपटा लगे, लेकिन ये हकीकत है, राजस्थान के गंगापुर में एक महिला ने समाधि ले ली है। अंधविश्वास में डूबी शिमला नाम की इस महिला ने गांव के लोगों से कहा कि वो समाधि लेने जा रही है और उसे कोई परेशान ना करे।

सुबह पूजा पाठ कर महिला ने अपने शरीर पर चादर ओढ़ ली और पास ही भगवान की मूर्तियों को एक कुर्सी पर रखकर वहीं बनाए हुए छोटे से तिरपाल के घर में अगरबत्ती जलाकर समाधि ले ली। लोगों का कहना है कि समाधि लेने से पूर्व उसने कहा था कि उसे छेड़ा नहीं जाए वह लौटकर आएगी तब यहां बहुत सारे लोग एकत्र होंगे मेला लगेगा।

ये महिला भूखी प्यासी एक चादर ओढ़कर तीन दिन तक जमीन पर लेटी रही, यह बात आग की तरह पूरे गांव में फैल गई। आसपास के गांवों के लोग भी देखने पहुंचने लगे। वहां महिलाएं भजन गाने लगीं, इस तेज गर्मी में भूखी प्यासी होने के कारण इस महिला की मौत हो गई।

सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो मृतक महिला के परिजनों ने इसे दैवीय चमत्कार का हवाला देते हुए महिला की किसी भी प्रकार की जांच कराने से इनकार कर दिया। महिला का पोस्टमार्टम कराने की बात पर पूरा गांव प्रशासन के विरोध में हो खड़ा गया। करीब 15 घंटे तक समझाने के बाद लो लोग महिला के पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए। पोस्टमार्टम के बाद महिला का अंतिम संस्कार किया गया।