नई दिल्ली: ललित मोदी मामले में आरोपों से घिरीं वसुंधरा राजे पर कांग्रेस  ने आज फिर हमला बोला। कांग्रेस ने इस बाबत आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सबूत पेश किए। कांग्रेस के मुताबिक, वसुंधरा और ललित मोदी के बीच कारोबारी रिश्ते हैं।

कांग्रेस ने वसुंधरा और ललित मोदी पर जबरन सरकारी संपत्ति हथियाने का भी आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहा है कि धौलपुर का महल सरकारी संपत्ति है, निजी नहीं। नियंत कंपनी (वसुंधरा राजे की कंपनी) और आनंदा (ललित मोदी की कंपनी) ने मिलकर इसमें निवेश किया।

जयराम ने पीएम नरेंद्र मोदी को ‘मौनेंद्र’ बुलाते हुए कहा कि मौनेंद्र धृतराष्ट्र बनना चाहते हैं, तो उनकी मर्जी। नैतिकता की दुहाई देने वाले पीएम मोदी को इस पर कदम उठाना होगा।

रमेश ने आरोप लगाया कि 1954 के दस्तावेज से साबित होता है कि धौलपुर निजी महल नहीं, सरकारी संपत्ति है। इस संपत्ति की 1955 में जमाबंदी हुई, जिसमें लिखा है कि यह सरकारी संपत्ति है। 1977 की जमाबंदी में भी धौलपुर महल को सरकारी संपत्ति बताया गया है।

इसके बाद 1980 में वसुंधरा राजे के पति ने भी कोर्ट में बयान दिया कि यह निजी संपत्ति नहीं है। 2010 की जमाबंदी से भी साफ है कि यह सरकारी संपत्ति है। 1954 से लेकर अब तक छह बार के लिखित सबूत हैं कि यह राजस्थान सरकार की संपत्ति है।

2013 के चुनावी हलफनामे में वसुंधरा ने कहा है कि नियंत हेरिटेज होटल में उनके 3080  शेयर हैं और ललित मोदी के  815 शेयर हैं।

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि नियंत हेरिटेज कंपनी नए होटल नहीं बनाती, बल्कि सरकारी संपत्तियों पर कब्जा जमाती है। इन्होंने सरकारी संपत्ति को निजी संपत्ति में बदला।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, ललित मोदी मॉरिशस से फर्जी कंपनी के जरिये 22 करोड़ रुपये देश में लेकर आए, जिसमें से 11 करोड़ नियंत नाम की कंपनी में निवेश किए गए। रमेश ने आगे कहा कि इस मामले में अब जांच की जरूरत नहीं है। दस्तावेजों के आधार पर उनका इस्तीफा लेना अनिवार्य हो गया है। अब सवाल यह है कि वह कब विदा होंगी।