नई दिल्ली। जुआरी नंबर-1 कौन है, अगर हम कहें कि एक या दो नहीं एक करोड़ हिंदुस्तानी बन चुके हैं जुआरी नंबर-1 तो आप क्या कहेंगे। आप हैरान होंगे लेकिन सच यही है एक करोड़ हिंदुस्तानियों को एक भयानक लत लग चुकी है, लत जुए की, लत सट्टा लगाने की। एक करोड़ हिंदुस्तानियों ने 1 लाख 90 हजार करोड़ का सट्टा लगा रखा है। जी हां, एक लाख 90 हजार करोड़ का। इतनी रकम में तो हिंदुस्तान के कई इलाकों का कायाकल्प हो जाए। सट्टेबाजी भारत में जुर्म है, फिर भी एक करोड़ हिंदुस्तानी ये जुर्म रोज कर रहे हैं और कानून उनका कुछ बिगाड़ नहीं पा रहा है। ये एक करोड़ हिंदुस्तानी ब्रिटेन की एक खास वेबसाइट पर सट्टा लगाते हैं। एक अंग्रेजी अखबार ने प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी के हवाले से ये सनसनीखेज जानकारी दी है।

क्रिकेट के सबसे बड़े सट्टेबाज हिंदुस्तानी हैं। एक करोड़ हिंदुस्तानी क्रिकेट के इस अंडरवर्ल्ड में खेलते हैं। और इन हिंदुस्तानियों ने अपने तीन हजार करोड़ डॉलर यानि करीब 1 लाख 90 हजार करोड़ रुपए सट्टे में लगा रखे हैं। आखिर क्या कहती है एक अंग्रेजी अखबार की चौंकाने वाली रिपोर्ट। ये रिपोर्ट दावा करती है कि 1 करोड़ हिंदुस्तानियों के 1 लाख 90 हजार करोड़ रुपए क्रिकेट के सट्टे में लगे हुए हैं, और इस जानकारी ने देश के प्रवर्तन निदेशालय को चौंका दिया है। अखबार का दावा है कि क्रिकेट में सट्टा लगाने के लालच में भारत के एक करोड़ लोग ब्रिटेन की एक खास वेबसाइट की मदद लेते हैं। ब्रिटेन में सट्टा वैध है, जबकि भारत में अवैध।

बताया गया है कि BETFAIR.COM नाम की इस वेबसाट के जरिए भारतीयों ने तकरीबन तीन हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी करीब 2 लाख करोड़ रुपए का सट्टा लगाया है। ये ब्रिटेन की एक बेटिंग साइट है। जहां दुनिया के हर खेल पर सट्टे का खेल खेला जाता है। इस बेवसाइट में क्रिकेट का भी एक लिंक मौजूद है। मैच इंटरनेशनल हो या डोमेस्टिक, इस बेवसाइट पर हर मैच के सट्टे का भाव तय होता है।

ब्रिटेन में BETFAIR.COM ही नहीं है बल्कि वहां सट्टेबाजी की सैकड़ों वेबसाइट्स हैं। अखबार के मुताबिक ईडी यानि प्रवर्तन निदेशलय को शक है कि हिंदुस्तानी जुआरियों और सट्टेबाजी की रकम दो लाख करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। यानि भारतीयों ने पूरा का पूरा कुबेर का खजाना ही सट्टेबाजी की साइट्स पर लगा रखा है। और उसकी कमाई क्या ये काली कमाई नहीं होगी?

ये कमाई काली है तभी तो प्रवर्तन निदेशालय की नजर इसपर पड़ी। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, ये वेबसाइट क्रिकेट के सट्टेबाजों को पूरी दुनिया में कहीं भी बैठ कर सट्टा लगाने की छूट दे रही है। इसी वजह से 2010 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस बेवसाइट पर पाबंदी लगाने का हुक्म दिया था। कहा था कि तीन महीने के भीतर इस वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया जाए। लेकिन पांच साल बाद भी ये वेबसाइट भारत में आराम से खोली जा सकती है, उसपर लॉग इन बनाया जा सकता है और आराम से भारत में रहते हुए ब्रिटेन की इस दुनिया में क्रिकेट पर सट्टा गेम खेला जा सकता है।

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक क्रिकेट में सट्टेबाजी का बड़ा हिस्सा हिन्दुस्तान और पाकिस्तान से आता है। तार विदेशी बेवसाइट्स से जुड़े हैं और सट्टा दुनिया के किसी भी कोने से लगाया जा सकता है। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय के लिए भी इन जुआरियों को पकड़ना आसान नहीं है।