लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने अध्यायपकों के लिए राष्ट्रपति पुरूस्कार से सम्मानित होने वालो में अपराधी व्यक्ति का नाम संस्तुति करने का विरोध किया हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने आरोप लगाया कि सपा सरकार ने अपराधिक मामलों के आरोपी सैफई के शिक्षक जबर सिंह यादव का नाम राष्ट्रपति पुरूस्कार के लिए प्रेषित किया है।

डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि इटावा के सैफई में तैनात शिक्षक जबर सिंह यादव पर कई अपराधिक मामले दर्ज है। इन पर हत्या का प्रयास तथा एस.सी./एस.टी. एक्ट जैसे कई अपराधिक मामले दर्ज है। इनके नौकरी से भी बर्खास्त किया जा चुका है। बहाली के बाद से आज तक विवादित है। इनका नाम राष्ट्रपति पुरूस्कार के लिए संस्तुति करना न केवल शिक्षक समुदाय का अपमान है बल्कि राष्ट्रपति पुरूस्कार का भी अपमान है।

डा0 मिश्र ने कहा कि राष्ट्रपति पुरूस्कार के लिए जो प्रोफार्मा है उसके मुताबिक अच्छा शैक्षिणक तथा शिक्षक का रिकार्ड भी अच्छा होना चाहिए। शिक्षक का चरित्र प्रमाणपत्र यह सिद्ध करता है कि वो बेदाग है। इस नाम को भेजने के मामले में सब नियमों को धता बता दिया गया। विद्यालय के प्रति समर्पण इतना है कि वहां 4 अध्यपकों पर मात्र 16 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे है।

डा0 मिश्र ने सपा सरकार को प्रदेश में शैक्षणिक अराजकता फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया। अभी एम.एल.सी. के मनोनयन में भी ‘दाग अच्छे है’ की तर्ज पर इसी तरह के लोगों नाम की संतुति सपा सरकार और उसके मुखिया ने की। फर्जी डिग्रियों को बांटने के कई रैकेट प्रदेश में चल रहे है। परन्तु सपा सरकार सरकारी भर्तियों में इन ‘मुन्ना भाईयो’ की भर्ती में संलिप्त है।

डा0 मिश्र ने कहा कि सपा सरकार भ्रष्टाचार तथा फर्जीवाडे को रोकने में नाकामयाब है। सरकार में बड़े पैमाने पर खेल जारी है।