लखनऊ: मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि 25 जून को संगठनों की बैठक में यह फैसला किया गया था कि अगर सरकार हमारी मांगों को स्वीकार करती है तो हम अस्थायी तौर पर ईद तक अपने आंदोलन को स्थगित कर देंगे । मागों में महत्वपूर्ण बिंदु यह थे कि इमाम बाड़ों में पर्यटकों के लिए शरई कानून लागू हो और इमाम बाड़ों की पवित्रता का ख्याल रखा जाए । इमाम बाड़ों और ट्रस्ट के लिए एक समिति बनाई जाए जिसमें उल्मा, वकील और शाही परिवार के लोग शामिल हों जो ट्रस्ट और इमाम बाड़े की देख रेख करें । इमामबाड़े के सामने वाली सड़क पर धार्मिक पोस्टर और होरडिंग लगाने की स्वतंत्रता हो अगर इन मांगों को माना जाता है तो अस्थायी तौर पर ईद तक के लिए आंदोलन रोक दिया जाएगा। अगर प्रशासन की ओर से वादा खिलाफी होती है तो ईद के बाद से बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू हु जाएगा और हजरत गंज में बड़ा सार्वजनिक प्रदर्शन होगा । 

मौलाना ने कहा कि बड़े इमामबाड़े पर संगठनों ने ताला डाला था इसलिए संगठनों ने ही ताला खोला और छोटे इमाम बाड़े पर महिलाओं ने तालाबंदी था इसलिए प्रशासन महिलाओं के साथ बातचीत करे और उन्हें विश्वास में ले । मौलाना कहा कि ईद तक के लिए संगठनों ने अपना आंदोलन रोक दिया है।