नई दिल्ली : दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने गुरुवार को अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे देश का पहला स्वराज बजट बताते हुए कहा, ‘ये बजट स्वराज लाने की दिशा में पहला कदम है। स्वराज की परिकल्पना बहुत बड़ी है।’ 

सिसोदिया ने कहा, ‘बजट के लिए दिल्ली में घूम-घूमकर मोहल्ला सभाएं की जिसमें 1500 से ज्यादा सुझाव मिले। हम दिल्ली को वर्ल्ड क्लास स्क‍िल सेंटर के साथ पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाएंगे।’ सिसोदिया ने बताया कि साल 2015-16 के लिए 41 हजार 129 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

सिसोदिया ने कहा कि 2014-15 में दूसरे महानगरों के मुकाबले दिल्ली में महंगाई कम रही। हमने आलू-प्याज का पर्याप्त स्टॉक रखने का आदेश दिया, ताकि इनकी कमी न हो। सरकार जमाखोरों के खिलाफ सख्ती बरत रही है। यह बजट चालू वित्त वर्ष के बचे नौ महीनों का है। यह बजट इसलिए भी खास है क्‍योंकि यह आम जनता से पूछकर उसकी उम्मीदों के हिसाब से बनाया गया है। 

सिसोदिया ने बताया कि टैक्स की वसूली बढ़ी है। इस साल 26604 करोड़ रुपए की कर वसूली हुई। दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी। 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें दिल्ली में लागू करने की मांग करते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘टैक्स आय में से दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपये मिलते हैं। दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार होता है जबकि केंद्र को दिल्ली से 1.3 लाख करोड़ का टैक्स मिलता है।’ बजट की खास बातें निम्नलिखित हैं–

– 41,129 करोड़ रुपये का बजट अनुमान

– ये पिछले बजट से 18 फीसदी ज़्यादा है

– बजट का 14.4 फीसदी यानी 5,908 करोड़ नगर निगम को

– बजट का 12 फीसदी यानी 4900 करोड़ रुपये केंद्र के कर्ज को चुकाने में

– नगर निगम के लोन को चुकाने में कुछ आसानी दी

– 30 जून 2014 तक नगर निगम को 759 करोड़ दिए थे