लखनऊ:  श्रम राज्य मंत्री भारत सरकार (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्ताश्रेय ने राज्य सरकारों से श्रमिकों के कल्याण में सहयोग की अपेक्षा करते हुये कहा कि राज्य सरकारों के सहयोग के बिना सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती है। केन्द्रीय श्रम राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) उत्त्र मध्य क्षेत्र के सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में श्रमिकों से संबंधित अनेक कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही हैं। श्रमिकों का पंजीकरण तेजी से किया जा रहा है। श्रम कानूनों को लागू करके श्रमिकों का कल्याण किया जा रहा है। श्रमिकों की कार्य कुशलता में वृद्धि की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को संगठित क्षेत्र में लाया जाय। बीमा योजना, अटल पेंशन, स्मार्ट कार्ड, पंजीकरण योजनायें शीघ्रातिशीघ्र लागू की जायं। केन्द्रीय श्रम राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को टीम भावना से कार्य करना होगा, तभी श्रमिकों का कल्याण किया जा सकेगा। श्री दत्ता़त्रेय ने कहा कि केन्द्रीय सरकार राज्य सरकारों की हर सम्भव सहायता करेगी। श्रमिक हितों के लिऐ राज्य सरकारों की राय ली जायेगी तथा उन्हें अत्यधिक अधिकार दिये जायेंगे।

उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री शाहिद मंजूर ने कहा है कि प्रदेश के श्रमिकों के कल्याण के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है। उत्तर प्रदेश देश का छठा हिस्सा है। हमारी बड़ी हिस्सेदारी है। मजदूरों से संबंधित 40 प्रतिशत समस्याओं का सामना उत्तर प्रदेश कर रहा है। श्रम मंत्री श्री शाहिद मंजूर योजना भवन स्थित सभागार में श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  बंडारू दत्ता़त्रेय की अध्यक्षता में उत्तर मध्य क्षेत्रीय श्रम सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए अनेकों योजनायें चलायी जा रही है। पंजीकृत मजदूरों के लिए सायकिल वितरण में 50 करोड़ रुपये सरकार द्वारा खर्च किये गये। बेरोजगारों का आन लाइन पंजीकरण किया जा रहा है। श्रमिकों की कार्य कुशलता विकसित की जा रही है, जुलाई माह से श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए 100 स्कूल खोले जा रहे हैं। अक्षय पात्र संस्था के माध्यम से मजदूरों के मध्यान्ह भोजन की शुरूआत लखनऊ से की जा रही है। श्रम मंत्री श्री शाहिद मंजूर ने भारत सरकार का बाल श्रम की ओर ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि श्रम विभाग बच्चों को काम करने से रोकता है परन्तु उसके कारणों की खोज नहीं करता है। उन्होंने कहा कि मूल समस्या भुखमरी, गरीबी है। इस समस्या का निराकरण होना चाहिए। राज्य कर्मचारी बीमा चिकित्सालयांे पर चिन्ता व्यक्त करते हुए श्रम मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। चिकित्सालयों के निर्माण में देरी पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। दोषी अधिकारियों को दण्डित किया जाना चाहिए। उन्होंने केन्द्रीय श्रम सचिव श्री शंकर अग्रवाल से सभी श्रमिक समस्याओं के निराकरण की अपेक्षा की।

श्रम सम्मेलन में उत्तराखण्ड सरकार के मंत्री श्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल तथा हरियाणा के कैप्टन अभिमन्यु ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री अरूण कुमार सिन्हा द्वारा श्री बंडारू दत्तात्रेय को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। श्रमायुक्त सुश्री शालिनी प्रसाद द्वारा पहला श्रम सम्मेलन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित करने के लिए केन्द्रीय श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का आभार प्रकट किया गया।