लखनऊ:  हुसैनाबाद पुलिया पर पटाखे फोड़े जाने की घटना को पुलिस प्रशासन ने जिस तरह बढ़ा चढ़ा कर पेश किया और शिया व सुन्नी दोनों समुदाय के 100 घरों पर विवाद बढ़ाने के लिए एफआईआर दर्ज की, इस पूरी घटना की निंदा करते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी का प्रतिनिधित्व कर रही सात सदस्यीय उलेमा कमेटी ने कहा कि यह पूरा खेल परशासन का रचा हुआ है क्योंकि प्रशासन किसी भी तरह शहर में शिया व सुन्नी दंगे कराना चाहता है यही कारण है कि एक मामूली घटना को इतना बढ़ा चढ़ा कर पेश किया और दोनों समुदायों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।

पुलिस इस तरह दोनों समुदायों में मतभेद को हवा देना चाहती है । उल्मा ने कहा प्रशासन ने हमेशा शहर में दोनो समुदायों के बीच संघर्ष को खत्म करने के बजाय बढ़ाने का काम किया है । उलेमा ने कहा कि प्रशासन की साजिश है कि किसी तरह मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी द्वारा चलाई जा रही वक्फ बचाव आंदोलन को खत्म किया जाए इसलिए वे अलग हथकंडे इस्तेमाल कर रहे है । उलमा ने दोनों समुदायों के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि वह किसी भी तरह की साजिश का शिकार न हों और रमजान में अल्लाह की दया से करीब रहें।

इस घटना की निंदा करने वालों में मौलाना रजा हुसैन, मौलाना हबीब हैदर, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना हसन जाफर, मौलाना तसनीम महदी और अन्य उलमा मोजूद रहे।