लखनऊ।  बिल्डर संजय सेठ के प्रतिष्ठानों पर आयकर छापेमारी आज भी जारी रही। दूसरे दिन संजय सेठ ने 100 करोड़ रुपये की कर चोरी कबूल कर ली। उसके साझीदार खालिद मसूद के घर पर डेढ़ करोड़ रुपये नकद मिले हैं। आयकर टीम ने कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क सहित तमाम कागजात सील किए हैं। अब सात बैंक लॉकरों को खोले जाने की प्रतीक्षा है।

विधान परिषद में मनोनयन की प्रत्याशा सहेजे शालीमार बिल्डर्स समूह के मुखिया संजय सेठ के ठिकानों पर गुरुवार को आयकर छापे मारे गए। लखनऊ के अलावा वाराणसी, नोएडा, कोलकाता, मुंबई और दिल्ली स्थित सेठ व उसके पार्टनर खालिद मसूद के कार्यालयों और आवासों पर एक साथ छापे मारे गए। दूसरे दिन रात तक भी आयकर विभाग की एक दर्जन से अधिक टीमें छापेमारी में जुटी थीं। दूसरे दिन संजय सेठ ने आयकर विभाग के अफसरों के सामने समर्पण कर दिया। उसके चार्टर्ड एकाउंटेंट्स व वकीलों ने सौ करोड़ रुपये की कर अपवंचना स्वीकार करने के साथ ही टैक्स भरने व जुर्माना अदा करने की बात कही।

जांच पड़ताल को लेकर आयकर विभाग की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के महानिदेशक (जांच) आनंद दीप तो स्वयं इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे ही थे, दिल्ली से भी आयकर विभाग के एकाउंटेट्स की टीम आयी थी। कुल मिलाकर पंद्रह स्थानों पर चल रही छापेमारी के दौरान देश भर में जहां-जहां संजय की कंपनी शालीमार बिल्डर्स द्वारा किसी भी तरह का निर्माण कार्य चल रहा है, वहां की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। जहां-जहां संजय ने भवन या कोई अन्य निर्माण कर उन्हें बेचा है, वहां की सभी रजिस्ट्रियां, सेल डीड व अनुबंध पत्र आयकर विभाग ने मांगे हैं। इस दौरान कई कंस्ट्रक्शन साइट्स के कागजात तो सील किए ही गए, सात कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क सील कर दी गयी हैं। संजय के पार्टनर खालिद मसूद के लखनऊ में गोलागंज स्थित घर पर डेढ़ करोड़ रुपये नकद मिले हैं। अब आयकर विभाग की नजर इस समूह के सात बैंक लॉकरों पर है। इनमें से पांच लखनऊ तथा दो देश के अन्य शहरों में हैं। अधिकारियों का मानना है कि इन लॉकरों के खोले जाने पर भी तमाम तथ्य प्रकाश में आएंगे।