अफोर्डेबल हाउसिंग परियोजनाओं के लिए भी ‘सिंगल विन्डो अप्रूवल सिस्टम’ लागू

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी, उपशमन एवं संसदीय कार्य मंत्री एम0 वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि वर्ष 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ योजना के क्रियान्वयन हेतु ‘सिंगल विन्डो सिस्टम’ व्यवस्था के तहत प्रदेश में पहले से ही मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा चुका है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री के एक पत्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने यह बात कही है। 

यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि अपने उत्तर में श्री यादव ने केन्द्रीय मंत्री को प्रक्रिया के सरलीकरण के सम्बन्ध में विवरण भी प्रेषित किया है। विवरण के अनुसार विकास प्राधिकरणांें तथा आवास एवं विकास परिषद में लागू भवन निर्माण एवं विकास उपविधि जो कि नेशनल बिल्डिंग कोड, 2005 पर आधारित है के अन्तर्गत विभिन्न उपयोगों के भवन मानचित्रों की स्वीकृति में सरलीकरण किया गया है। 

विकास प्राधिकरणों की योजनाओं तथा प्राधिकरणों द्वारा स्वीकृति योजनाआंे/ले आउट प्लान्स के अन्तर्गत 300 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक के आवासीय भवनों के निर्माण, पुनर्निर्माण एवं जीर्णाेद्धार के लिए मानचित्र दाखिल किए जाने पर स्वतः स्वीकृत माने जाएंगे, यदि मानचित्र पंजीकृत आर्किटेक्ट द्वारा तैयार किया गया हो तथा उस पर यह प्रमाण पत्र अंकित किया गया हो कि प्रस्तावित निर्माण/पुनर्निर्माण महायोजना एवं भवन उपविधियों के अनुसार है। आवेदक द्वारा मानचित्र के साथ वांछित शुल्क यथा मलवा शुल्क, पर्यवेक्षण शुल्क आदि नियमानुसार जमा कराना आवश्यक है। 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के आवासीय भूखण्डों के मानचित्र पर स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक है। प्रस्तुत मानचित्र 30 दिन की अवधि में अंतिम रूप से निस्तारित न होने पर स्वतः स्वीकृत माने जाएंगे।

प्रेषित विवरण में यह भी उल्लिखित है कि व्यावसायिक, कार्यालय, ग्रुप हाउसिंग आदि के मानचित्रों की स्वीकृति सुगम करने हेतु विकास प्राधिकरण स्तर पर सम्बन्धित विभागों की एक तकनीकी समिति उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित है, जिसमें वे सभी विभाग सम्मिलित होंगे, जिनसे अनापत्ति प्रमाण पत्र अपेक्षित है। अफोर्डेबल हाउसिंग परियोजनाओं के लिए भी ‘सिंगल विन्डो अप्रूवल सिस्टम’ लागू किया गया है। 

प्रदेश सरकार द्वारा आनलाइन अनुमोदन की व्यवस्था भी लागू की गई है। अफोर्डेबल हाउसिंग नीति के क्रम मंे अधिशासी निदेशक, आवास बन्धु की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर एक समिति गठित की जाएगी, जिसके द्वारा अफोर्डेबल हाउसिंग परियोजनाओं की प्रगति का अनुश्रवण किया जाएगा तथा इस योजना के क्रियान्वयन में निजी विकासकर्ताओं के समक्ष आने वाली समस्याओं का निस्तारण भी किया जाएगा। राज्य स्तर पर आवास बन्धु ‘नोडल एजेन्सी’ के रूप में कार्यरत है।

औद्योगिक भवन मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया में भी सरलीकरण किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, विकास प्राधिकरणों तथा अन्य शासकीय अभिकरणों द्वारा विकसित/अनुमोदित आस्थानों एवं औद्योगिक क्षेत्रों के अन्तर्गत स्थित प्रदूषण रहित औद्योगिक इकाईयों के भवन मानचित्र पंजीकृत आर्किटेक्ट द्वारा प्रमाणित किए जाने पर कि प्रस्तावित निर्माण सम्बन्धित नगर की महायोजना, भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तथा सुरक्षात्मक दृष्टि से नेशनल बिल्डिंग कोड/आई0एस0आई0 एवं उसके अधीन जारी विनियमों, शासनादेशों के अनुसार हो एवं सुसंगत औद्योगिक विनियमों की अपेक्षाओं के अनुरूप भी हो, ऐसे भवन मानचित्र विकास प्राधिकरण/अन्य सक्षम प्राधिकारी के समक्ष जमा करने पर स्वतः अनुमोदित माने जाएंगे।