नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी के इमरजेंसी को लेकर दिए बयान से देश का सियासी माहौल गर्मा गया है। आडवाणी ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मैं आश्वस्त नहीं हूं कि देश में दोबारा इमरजेंसी के हालात न पैदा हो। हालांकि आडवाणी ने साफ किया कि यह किसी व्यक्ति विशेष या सरकार के लिए टिप्पणी नहीं थी। 25 जून को भारत में आपातकाल के 40 साल पूरे होने जा रहे हैं, इस पर आडवाणी ने अपनी भावनाएं व्यक्त की।

भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य आडवाणी ने कहा कि भारतीय राजनीति में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कुछ ताकतें संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा के बावजूद लोकतंत्र को कुचल सकती हैं। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आने वाले वक्त में नागरिक स्वतंत्रता के निलंबित किए जाने की परिस्थितियां नजर आती हैं।

आडवाणी ने कहा कि 1975-77 (आपातकाल के वक्त) के बाद से ऐसा कुछ भी नहीं किया गया जिससे लगे कि भविष्य में नागरिक स्वतंत्रता पर बंदिशें लगें। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व ने भी वह क्षमता नहीं दिखाई। जिससे यह लगे कि लोकतंत्र को सक्षम व मजबूत बनाया गया हो। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि राजनेताओं व राजनीतिक नेतृत्व में क्षमता नहीं है। लेकिन कमियों की वजह से विश्वास करना कठिन होता है कि दोबारा ऐसा नहीं होगा।