दिल्ली । भारतीय भाषाई समाचार पत्र संगठन इलना के राष्ट्रीय अध्यक्ष परेश नाथ जी द्वारा देश भर के अपने सदस्यों की डी.ए.वी.पी और आर.एन.आई से संबंध समस्याओं के समाधान के लिए केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री एव डी.ए.वी.पी के महानिदेशक व प्रैस रजिस्ट्रार भारत सरकार से मांग की गयी है कि वो देश के हर प्रदेश मुख्यालय पर डी.ए.वी.पी और आर.एन.आई का शाखा कार्यालय खोले जिस से हर प्रदेश के समाचार पत्र संचालक वहाँ पहुँच कर अपनी भाषा में मौजूद इन विभागो के अधिकारियों से वार्ता और पत्राचार कर डी.ए.वी.पी से अपने समाचार पत्रों की विज्ञापन दरें स्वीकृत (विज्ञापन मान्यता ) ले सकें तथा आर.एन.आई न॰ लेने और वार्षिक विवरण भेजने और सर्क्युलेशन प्रमाण पत्र आदि प्राप्त करने में उन्हे कोई समस्या न हो। ईलना के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अंकित बिश्नोई ने उक्त जानकारी देते हुए बताया की बीते दिनो बैंग्लोर के शिव सागर हॉल में इलना के कर्नाटक प्रदेश के समाचार पत्र संचालकों द्वारा एक बैठक रखी गयी थी जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परेश नाथ बैठक में मौजूद थे उनके सामने सभी प्रकाशकों ने डी.ए.वी.पी से विज्ञापन मान्यता व आर.एन.आई से संबंध ऊपर दिये गए बिन्दु उठाए गए थे जो सभी पूरी तोर पर उचित तथा मान्य योग्य थे ।अंकित बिश्नोई के अनुसार अध्यक्ष श्री परेश नाथ ने उक्त तथ्यों को सही मानते हुए तथा माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सभी की समस्याओं के तुरंत समाधान और केन्द्रीय सूचना मंत्री द्वारा समाचार पत्र संचालकों से संवाद कायम रखने और उनकी परेशानियों का हल तुरंत करने की भावनाओ को दृष्टिगत रख प्रदेश मुख्यालयों पर डी.ए.वी.पी और आर.एन.आई के शाखा कार्यालय खोलने हेतु मांग उठाई गयी है तथा इस संदर्भ में सभी को पत्र लिखने और मिलकर अपनी मांग विस्तार से उनके सामने रखने की योजना को अगली कार्यकारिणी की बैठक में रखा जाएगा।

अंकित बिश्नोई ने बताया की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परेश नाथ जी का मानना है की प्रदेश मुख्यालयों पर आर.एन.आई और डी.ए.वी.पी के शाखा कार्यालय खोलने में सरकार का कोई विशेष खर्च भी नहीं आएगा क्योंकि प्रदेश मुख्यालयों पर आसीन पी.आई.बी कार्यालयों में ही इन विभागो का एक-एक अधिकारी बैठाया जा सकता है या पी.आई.बी के अधिकारियों को ही ये जिम्मेवारी भी सौपी जा सकती है क्योंकि इसमे कोई बहुत बड़ा काम नहीं होना है मात्र विभाग संबंधी जानकारी देनी और लेटर लेकर इन दोनों विभाग के केन्द्रीय कार्यालयों को भेजने का काम ही शाखा कार्यालय में तैनात अधिकारियों को करना है।