नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर की पुलिस हिरासत अवधि चार दिन के लिए बढ़ा दी है। जांचकर्ताओं ने अदालत से कहा कि कथित “फर्जी” प्रवास प्रमाण पत्र के बारे में त थ्यों का पता लगाने के लिए तोमर को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय लेकर जाना है। दिल्ली पुलिस ने 49 वर्षीय जितेन्द्र तोमर को फर्जी डिग्री मामले में 9 जून को किया था और उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश रचने क ा मामला दर्ज किया है। तोमर को दो दिन की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रीति परेवा के सामने पेश किया गया और पुलिस ने 8 दिन की हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रवास प्रमाणपत्र में लिखे उनके पते का सत्यापन करने के लिए उन्हें बिहार के मुंगेर भी लेकर जाना है।

पुलिस ने दावा किया कि हर बार जो भी वे नई जगह जाते हैं, “नए दस्तावेज” मिलते हैं इसलिए उन्हें शैक्षणिक प्रमाणपत्रों पर तोमर और विश्वविद्यालय अधिकारियों के हस्ताक्षरों और नमूना हस्ताक्षरों का मिलान करना है। अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस हिरासत के अंतिम दो दिन महीने का दूसरा शनिवार और रविवार था और इस दौरान जांच में कोई फायदा नहीं हुआ।

क्योंकि कालेज बंद था। श्रीवास्तव ने कहा कि हमें उन्हें (तोमर) बुंदेलखंड विश्वविद्यालय लेकर जाना है जहां हम अब तक नहीं गए हैं क्योंकि बीएससी का फर्जी प्रवास प्रमाणपत्र उसी विश्वविद्यालय से जारी हुआ और यह भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय को सौंपा गया जहां से तोमर ने कथित रूप से एलएलबी की डिग्री की पढाई की।