इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आरोपों की बौछार जारी रखते हुए सोमवार को कहा कि वह ‘भारतीय शर्तों’ पर भारत के साथ बात नहीं करेगा और उसने एजेंडे में ‘कश्मीर तथा पानी के मुद्दे’ शामिल नहीं होने पर किसी भी तरह की बातचीत की संभावना को खारिज कर दिया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि पाकिस्तान ऐसी किसी वार्ता प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेगा जो भारतीय शर्तों  पर आधारित है और जब तक वार्ता के एजेंडे में कश्मीर और पानी के मुद्दों को शामिल नहीं किया जाता, तब तक भारत के साथ कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा कि उनका देश भारतीय नेताओं द्वारा दिये गये पाकिस्तान विरोधी बयानों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के साथ उठाएगा। अजीज ने दक्षेस देशों के उच्च शिक्षा आयोग के प्रमुखों के 10वें सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद यहां मीडिया से बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की।

हालांकि अजीज ने यह भी कहा कि भारत के साथ अगर सौहार्दपूर्ण रिश्ते मुमकिन नहीं हैं तो पाकिस्तान भारत के साथ तनावमुक्त रिश्ते चाहता है।

इससे पहले दक्षेस देशों के शिक्षा विशेषज्ञों के सामने दिये गये अजीज के भाषण के हवाले से रेडियो पाकिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान शांति प्रेमी देश है और बातचीत के जरिये भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के अपने रख पर कायम है।

अजीज ने कहा कि पाकिस्तान विशेष रूप से कश्मीर और पानी के मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ वार्ता पुन: शुरू करने की इच्छा रखता है। अजीज ने कहा कि पाकिस्तान कल जेद्दाह में होने जा रहे इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक के मंच पर इन मुद्दों को भी उठाएगा।

पाकिस्तान और भारत के बीच पिछले कुछ दिनों से आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखा जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि भारतीय राजनेताओं के बयान गैरजिम्मेदाराना और अविवेकपूर्ण हैं।

पाकिस्तान की संसद के दोनों सदनों, सीनेट और नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर भारतीय नेताओं के बयानों की निंदा की थी। सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने म्यामां में सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर कहा था कि यह अन्य देशों के लिए भी संदेश है। उनके इस बयान को पाकिस्तान को चेतावनी के तौर पर देखा गया था।

पाकिस्तान ने बांग्लादेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ढाका में दिये गये उस बयान को भी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था जिसमें मोदी ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देकर भारत के लिए लगातार परेशानियां पैदा करने का आरोप लगाया था।