मौत को बताया ‘प्रकृति और विधि का विधान’, पत्रकारों की कार्यशैली पर भी उठाये सवाल 

इलाहाबाद : शाहजहांपुर में जलाकर मारे गए पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कोई ठोस कदम न उठाए जाने के सवालों पर उत्‍तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पारस नाथ यादव ने बेतुका बयान दिया है। मंत्री ने पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत को ‘निश्चित घटना’ कहकर उसे प्रकृति का विधान बता दिया और पत्रकारों को नसीहत देकर उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पत्रकार अपना काम कैसे कर रहे हैं, जरा उसे भी देखा जाए।

यूपी के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पारस नाथ यादव ने कहा, कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो निश्चित होती हैं। ये प्रकृति का नियम है। विधि का विधान है। अगर कुछ घटनाओं पर हम कार्रवाई न करें। उसकी जांच न कराएं, तब आप हमसे सवाल उठाइए। उन्‍होंने आगे कहा, आप (पत्रकार) अपने कर्तव्यों को किस तरह से तय कर रहे हैं, उसे आप आंकें। यही नहीं मंत्री ने अपनी सरकार और उसकी कार्यशैली पर लगे आरोपों के बचाव में यहां तक कह डाला कि किसी के बयान से हमारी सरकार के मंत्री को दोषी नहीं कह सकते।

उधर, पत्रकार जगेंद्र सिंह का परिवार शाहजहांपुर में बेमियादी धरने पर बैठ गया है। परिवार जगेंद्र सिंह की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहा है। परिवार की यह भी मांग है कि राममूर्ति सिंह को मंत्री पद से हटाया जाए। इस मामले में राज्य के मंत्री राम मूर्ति सिंह के खिलाफ मामला दर्ज है।

उन्‍होंने कहा, आरोपी पांच पुलिस वालों को दंडित नहीं किया गया है बल्कि उन्हें सजा के तौर पर चेतावनी दी गई है। जांच पूरी हो जाने के बाद वे बहाल भी हो जाएंगे। यानि पत्रकार जगेंद्र की मौत के मामले में हो रही जांच की रिपोर्ट के पूर्व ही मंत्री ने ‘नतीजा’ जाहिर कर दिया। यादव ने आगे कहा, यहां का क़ानून ऐसा है कि जब तक दोष सिद्ध न हो जाए तब तक किसी को दोषी कहना ठीक नहीं होता है। जांच में जो बात सामने आएगी तो कोई भी व्‍यक्ति बख्शा नहीं जाएगा। उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।