भारत में इन दिनों योग को लेकर बहुत बवाल मचा है, समर्थन के साथ विरोध भी हो रहा है। जहाँ मोदी और भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां योग की उपयोगिता और महत्ता की बात कर रहे हैं वहीँ विरोधी पार्टियां इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने में जुटी हैं । मुस्लिम संगठन भी इस मुद्दे पर बटे हुए नज़र आ रहे हैं।
भारत में मुस्लिम संगठन और कुछ मुस्लिम नेता जहां योग का भारी विरोध कर रहे हैं वहीँ पाकिस्तान शमशाद हैदर योग के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। उनकी योग क्लास में दाढ़ी-टोपी वाले भी आते हैं।
पाकिस्तान के पंजाब सूबे के एक छोटे से गाँव के मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले हैदर को इस सफ़र में अपने परिवार का भरपूर साथ मिला है। इस्लामाबाद और लाहौर में योग सिखाने वाले योगी हैदर महाराष्ट्र के गुरु निकम और गुरु गोयनका से प्रभावित हैं। उन्होंने लंबा वक़्त भारत के हरिद्वार में भी बिताया है। उनकी पत्नी शुमैला साँस की मरीज़ थीं और उन्हीं की योग कक्षाओं में आती थीं। ठीक होने पर क़रीब दो साल पहले उन्होंने योगी हैदर से शादी कर ली। अब वे भी योग सिखाती हैं।
तक़रीबन सात साल पहले लाहौर के एक मनोचिकित्सक उनके पहले शिष्य बने, इसके बाद उनके छात्रों की संख्या बढ़ती गई, जो अब हज़ारों में है। इस्लामाबाद और लाहौर के पार्कों में दाढ़ी-टोपी वाले लोगों का योगासन करते दिखना आम बात है, उनके ज़्यादातर शिष्य संभ्रांत तबके से आते हैं। योगी हैदर कहते हैं, “योग के प्रसार के लिए मैं पब्लिक पार्कों में फ़्री क्लासेज़ चलाता हूँ। लेकिन जो लोग व्यक्तिगत कक्षाएँ लेते हैं, वे फ़ीस चुकाते हैं। “योगी हैदर मानते हैं कि पाकिस्तान जैसे देश में योग सिखाना एक मुश्किल काम है।
पिछले साल उनके एक दोस्त के योग सेंटर में आग लगा दी गई थी लेकिन वे इससे डरे नहीं. वे कहते हैं, “जब हम नेक राह पर चल रहे होते हैं तो ख़तरों की परवाह नहीं करते।”
योगी हैदर कहते हैं मैं योग को पाकिस्तान में घर-घर तक पहुँचाना चाहता हूँ। योग को सबके बीच स्वीकार्य बनाने के लिए उन्होंने राह निकाली है, वे योग को उसके फ़ायदों तक ही केंद्रित रखते हैं और इसे किसी ख़ास धार्मिक पहचान से दूर रखते हैं।
भारत में योग को लेकर जो विवाद छिड़ा है उस पर योगी हैदर कहते हैं, “इस्लाम कहता है कि इल्म जहाँ से मिले ले लो। हिंदुस्तान के आलिमों का विरोध राजनीतिक है क्योंकि हिंदुस्तानी सरकार का एजेंडा अल्पसंख्यकों के लिए ठीक नहीं है। वे योग पर हिंदुओं की मुहर लगाते हैं जो ग़लत है। बावजूद इसके मुसलमानों को योग का विरोध नहीं करना चाहिए। “हैदर याद दिलाते हैं कि योग के पुरातन गुरु पतंजलि का जन्म मुल्तान में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। योगी हैदर कुछ आसनों के दौरान अपने शिष्यों से ‘अल्लाह हू…अल्लाह हू’ की आवाज़ लगवाते हैं और इसे सूफ़ी परंपरा से जोड़ देते हैं।
योग की ‘पूरब की कला’ बताने वाले हैदर कहते हैं, “अल्लाह हू की आवाज़ लगाते हुए लोगों को लगता है कि वे सूफ़ियों की तरह अल्लाह को याद कर रहे हैं। “
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