लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूखे हिंदुस्तानियों का पेट भरने के बजाय उन्हें पढ़ा योग का पाठ  रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग सरकारी कर्मचारियों को भी सिखाना जाना चाहिए, मगर इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। 

आजम ने ट्विटर पर कहा, “भूखे हिंदुस्तानियों से कहा जा रहा है कि एक्सरसाइज करो। अरे, पहले उनके पेट में तो कुछ हो।”

इधर, योग दिवस को लेकर कुछ मुस्लिम संगठनों का विरोध अब भी जारी है। एआईएमआईएम ने तो उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों से अपील की है कि वे 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस वाले दिन विरोध स्वरूप नमाज अदा करें। 

एआईएमआईएम ने योग दिवस को योग के नाम पर ‘भगवा एजेंडे’ को प्रोत्साहित करने का प्रयास बताया। एआईएमआईएम की स्थानीय इकाई ने एक बयान जारी कर कहा, “हमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाए जाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन देश में सत्तारूढ़ भाजपा इस मौके का इस्तेमाल अपने भगवा एजेंडे को प्रोत्साहित करने के लिए कर रही है।” बयान में कहा गया है कि देश के मुस्लिम योग के भगवाकरण को बर्दाश्त नहीं करेंगे