मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि पूरा भारतीय उपमहाद्वीप हिंदू राष्ट्र है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में संघ के ट्रेनिंग कैंप में उन्होंने कहाकि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में रहने वाले सभी लोग हिंदू राष्ट्र के अंग हैं।

भागवत ने कहाकि, भारत एक हिंदू राष्ट्र है। हमें इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए और हमें इस विश्वास पर दृढ़ रहना है। हम दूसरे क्षेत्रों में बदल सकते हैं लेकिन भारत एक हिंदू राष्ट्र है इस विश्वास को किसी कीमत पर नहीं छोड़ सकते। कुछ लोग खुद को हिंदू कहते हैं, कुछ कहते हैं कि वे भारतीय हैं। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो खुद का आर्य मानते हैं और कुछ कहते हैं कि वे मूर्तिपूजा में विश्वास नहीं करते। जब भारत को हिंदू राष्ट्र मानने की बात आती है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

भागवत ने आगे कहाकि, जो लोग भारतीय उपमहाद्वीप में रह रहे हैं वे हिंदू राष्ट्र से संबंध रखते हैं। उनकी अलग नागरिकता हो सकती है लेकिन उनकी राष्ट्रीयता हिंदू ही है। अपनी बात के पक्ष में उन्होंने इतिहास से उदाहरण पेश किया और कहा, अरब लोग स को ह कहते थे। इसलिए वे हमें हिंदू बुलाते हैं क्योंकि हमारे देश में सिंधु नाम की नदी थी। यह वह इलाका है जहां 1947 में पाकिस्तान बना था। 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना। इसके चलते इन इलाकों के लोगों की नागरिकता बदल गई। लेकिन उन्होंने अपने घर या देश नहीं छोड़े। इसलिए मैं कहता हूं उनकी राष्ट्रीयता एक है। इस जमीन का प्राचीन नाम हिंदुस्तान है। इसलिए निसंदेह यहां रहने वाले हिंदू हैं।

उन्होंने संघ प्रचारकों से कहाकि, संगठन की विचारधारा को फैलाने का यह सही समय है। यही समय है जब आरएसएस के सभी संगठनों को अपना आधार बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। यदि हमें एक बड़ी बिल्डिंग बनानी है तो हमें बड़ा आधार चाहिए। हमें हमारी शाखाओं की पहुंच बढ़ाना चाहिए।