लखनऊ। फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को बुधवार को उत्तर प्रदेश लाया गया। तोमर को यह जानने के लिए फैजाबाद स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ले जाया गया कि उन्होंने वह डिग्री कैसे हासिल की, जिसे विश्वविद्यालय फर्जी बता रहा है। आरएमएल अवध विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी एस.एन. शुक्ला ने कहा कि जांच में पाया गया है कि 1988 में रोल नंबर 31331 तोमर का नहीं, बल्कि किसी अन्य छात्र का था।
तोमर ने लखनऊ में पुलिस की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह बेकसूर हैं और उनकी कानून की डिग्री असली है। उन्होंने कहा, मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैं राजनीतिक साजिश का शिकार हूं।
तोमर की गिरफ्तारी की वजह से आप और उप-राज्यपाल नजीब जंग के बीच तनातनी बढ़ गई है। बुधवार को आप नेता आशुतोष ने नजीब को “भारतीय लोकतंत्र में एक खलनायक” करार दिया। वहीं, बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा 21 मई को जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। इस अधिसूचना के जरिए दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) पर केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों में कार्रवाई करने पर रोक लगा दी गई थी। न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति आई.एस. मेहता की पीठ ने कहा कि इसी तरह का एक मामला पहले से ही दूसरी पीठ के पास लंबित है।
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