लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने आज अनुसूचित वर्ग आरक्षण सूची में शामिल किये जाने की मांग को लेकर जेल में बंद निषाद समाज के लोगों पर से मुकदमा वापस लेने उनकी जेल से रिहाई तथा मृतक आन्दोलनकारी अखिलेश निषाद के परिवार को 25 लाख मुआवजा दिये जाने की मांग राज्य सरकार से की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने निषाद समाज के आन्दोलनकारियों पर बर्बर अत्याचार की कड़े शब्दों में निन्दा की है और आरोप लगाया कि पुलिस ने आन्दोलकारियों के वाहन तक जला दिये और फायर ब्रिगेड को उसे बुझाने भी नहीं दिया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी आज गोरखपुर जेल में बंद निषाद समाज के उन 31 आन्दोलनकारियों से मिले और घटनाक्रम की पूरी जानकारी ली। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उ0प्र0 की समाजवादी पार्टी की सरकार और पूर्ववर्ती बसपा सरकार पर निषाद समाज और उन 17 पिछड़ी जातियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया जिनकों अनुसूचित वर्ग आरक्षण सूची में शामिल किये जाने हुते प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार को भेजा था। डा0 बाजपेयी ने कहा कि 2004 के बाद से 2014 तक कांग्रेस नेतृत्व की केन्द्र सरकार को सपा और बसपा दोनों ही समर्थन करते रहे यदि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी केन्द्र सरकार को भेजे गये अपने प्रस्ताव को गम्भीर होते तो केन्द्र सरकार से अपने प्रस्ताव को क्रियान्वित कराकर निषाद और अन्य 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित सूची में शामिल कराया होता।

भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पूर्व में इन पिछड़ी जातियों को एस.सी. कोटे में शामिल किये जाने सम्बन्धी केन्द्र को भेजे गये अपने प्रस्ताव को अमली जामा पहनाने के बजाय मायावती और मुलायम सिंह यादव दोनों कांग्रेस को समर्थन कर सीबीआई जांच से अपने को बचाते रहे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से घिरे इन दोनों दलों का मकसद आम आदमी का सरोकार नहीं बल्कि स्वयं के हित है।