मुंबई: अंग्रेजों के जमाने से मुंबई की पहचान रही विक्टोरिया यानी घोड़ा गाड़ी अब इतिहास बन जाएगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में बग्घी और घोड़ों के अस्तबल पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया है।

यह आदेश पेटा (PETA) और एनिमल एंड बर्ड्स चैरिटेबल ट्रस्ट जैसी संस्थाओं की याचिका पर आया है। हालांकि अदालत ने पूरी तरह से पाबंदी के लिए एक साल की समय सीमा तय की है और सरकार से कहा है कि छह महीने के भीतर वह घोड़ा गाड़ी चलाकर जीवनयापन करने वालों और घोड़ों के पूनर्वसन का खाका तैयार कर बताए।

मुंबई में विक्टोरिया यानी बग्घी या घोड़ा गाड़ी सैलानियों की पसंदीदा सवारी है। खासकर दक्षिण मुंबई में होटल ताज और मरीन ड्राईव के आसपास रात के समय अक्सर ये बग्घियां सडकों पर दौड़ती दिखती हैं। हिन्दी फिल्मों में भी इनका खूब इस्तेमाल हुआ है, लेकिन अब अगले एक साल में ये इतिहास बन जाएंगी।

पेटा के सीनियर मैनेजर आशिष सुतार के मुताबिक, अदालत में याचिका के बाद एक समिति बनी थी। समिति ने भी पाया था कि बग्घी में इस्तेमाल घोड़ों पर ना सिर्फ अत्याचार किया जाता है, बल्कि उनकी देखभाल भी ठीक तरह से नहीं की जाती। इतना ही नहीं बीमारी में भी उनसे गाड़ी खिंचवाई जाती है।

इसके अलावा मुंबई में वाहनों की संख्या को देखते हुए ट्रैफिक के लिए भी ये बग्घियां समस्या बनी हुई हैं। मुंबई में तकरीबन 170 लाईसेंसी बग्घियां हैं।

ऐसी ही बग्घी चलाने वाले सलमान का कहना है कि अब अदालत ने आदेश दिया है तो हमें उसका सम्मान करना ही पड़ेगा। लेकिन अगर ये बंद हो जाएंगी तो हमारा और हमारे परिवार का क्या होगा? अदालत पहले हमें दूसरा रोजगार दिलाए फिर पाबंदी लगाए तभी ठीक होगा।