लखनऊ: वर्ष 2015-16 में इन्दिरा आवास योजना के अन्तर्गत पूर्व में तैयार स्थायी पात्रता सूची के स्थान पर अब सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के आधार पर लाभर्थियों के चयन हेतु नये दिशा निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर विचारोपरान्त यह पाया गया कि प्रदेश में स्थायी पात्रता सूची में योजना हेतु अनुसूचित जाति एवं अल्पसंख्यक जाति के पात्र व्यक्ति उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे, अतः शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया कि आर्थिक, सामाजिक एवं जातिगत गणना के आधार पर जो व्यक्ति सुपात्र होंगे उन्हंे ही इन्दिरा आवास योजना का लाभ दिया जायेगा।

इस संबंध में ग्राम विकास विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर आवास विहीन परिवारों की संख्या 10486 तथा कच्चे मकान वाले परिवारों की संख्या 27.71.858 हैं, जिन्हें योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराये जाने पर विचार किया जा सकता है। इन परिवारों में से जिनके पास दो हेक्टेयर से अधिक सिंचित भूमि होगी अथवा चार हेक्टेयर भूमि या उससे अधिक असिंचित भूमि होगी वे इस सूची में नहीं रखे जायेंगे। इसके अतिरिक्त जिस परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में होगा और जिनके पास दो तीन और चार पहिये वाले कोटराइज्ड फिशिंग बोट होंगे तथा जो परिवार आयकर एवं व्यवसायकर की सीमा के अन्दर आते होंगे वे अपने आप ही इस पात्रता सूची से पृथक हो जायेंगे।

इस प्रकार जनगणना के आंकड़ों के आधार पर सामान्य, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय के लाभार्थियों को अलग-अलग प्रकार की चार सूचियां तैयार की जायेंगी। उन्होंने बताया कि इन सूचियों में उपलब्ध परिवारों को सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के आधार पर अंक प्रदान किये जायेंगे। यदि एक से अधिक लाभार्थी को बराबर अंक प्राप्त होते हैं तो प्रथम वरीयता कम भूमि वाले को दी जायेगी और यदि भूमि बराबर है तो कम आये वाले को वरीयता दी जायेगी।

इस सम्बध में सम्बन्धित अधिकारियों को इन्दिरा आवास योजना 2015-16 के लाभार्थियों के चयन हेतु नये निर्धारित नियमों के आधार पर शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।