फ़िज़ूलखर्ची रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी 

नई दिल्ली।  कांग्रेस उपाध्यक्ष  राहुल गांधी इन दिनो में फॉर्म में है और  बेशक राजनीति के मैदान पर बड़े बड़े सिक्सर लगा रहे हों, लेकिन राहुल के दम पर कांग्रेस दोबारा सियासी जमीन तलाश रही हो लेकिन इस सियासत के पीछे कांग्रेस पार्टी की हकीकत कुछ और है।

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी कांगाली के अब तक के सबसे बुरे दौर में है। खबर के मुताबिक कांग्रेस के बड़ा चंदा देने वाले गिने-चुने लोग ही बचे हैं। पार्टी का खजाना इस हद तक खाली होे चुका है, कि पार्टी के नेताओं को हवाई जहाज के बजाए ट्रेन से सफर करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा भी नेताओं की फिजूलखर्ची पर कई कड़े निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ने नागपुर के दौरे पर प्लेन की इकॉनमी क्लास में सफर किया था। हवाई जहाज की इकॉनोमिक क्लास में राहुल गांधी की यात्रा और कांग्रेस की मौजूदा हालात में कोई ज्यादा फर्क नहीं है| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का बिजनेस क्लास से इकॉनमी क्लास के सफर तक पहुंचना ही कांग्रेस के खाली खजाने की असलियत बता रहा है। नागपुर के लिए राहुल का ये सफर सियासी स्टंट कम और मजबूरी ज्यादा थी।

जानकारी के मुताबिक देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस, इस वक्त कंगाली के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने फिजूलखर्ची रोकने के लिए पार्टी ने कई बड़े फैसले लिए हैं जिसमें कहा गया है कि सचिव स्तर के नेता अब हवाई जहाज नहीं बल्कि ट्रेन में सफर करेंगे।

जब तक जरूरी न हो, सचिव स्तर तक के नेताओं को हवाई जहाज का किराया नहीं मिलेगा। पार्टी के वो महासचिव जो सांसद भी हैं, उन्हें एक से ज्यादा कर्मचारी रखने पर खुद तन्ख्वाह देनी होगी। पार्टी ने कार्यकर्ताओं ने 250 रुपये महीने की सहयोग राशि देने की अपील की है। पार्टी ने अपने हर नेता से दो ऐसे हमदर्द तलाशने को भी कहा है, जो हर महीने 2000 रुपए का सहयोग दें। पार्टी के सांसदों और विधायकों से हर साल एक महीने का वेतन भी पार्टी को दान देने की अपील की गई है।