भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री ने खनन राजस्व प्राप्ति में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया

लखनऊ: प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने आज गन्ना संस्थान प्रेक्षागृह में खनन राजस्व प्राप्ति में उत्कृष्ट कार्य करने वाले भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि विगत तीन वर्षों में विभाग का समग्र रूप से उत्तरोत्तर विकास हुआ है। जहां एक ओर राजस्व प्राप्ति में वृद्धि हुई है, वहीं विभाग के कार्यों में तेजी से विकास के साथ ही नये पदों का सृजन तथा अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोन्नति दी गई हैं। 

श्री प्रजापति ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में कोयला को छोड़कर अन्य खनिजों, जिनके खनिज परिहार राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किए जाते हैं, के लिए निर्धारित लक्ष्य 765 करोड़ रुपए एवं कोयला सहित लक्ष्य 1100 करोड़ रुपए के सापेक्ष अन्य उप खनिजों से 765 करोड़ रुपए के विपरीत 778.67 करोड़ रुपए की उपलब्धि रही। 

श्री प्रजापति ने कहा कि प्रदेश के खनन उद्योग में खनन अभियंताओं तथा तकनीकी व्यक्तियों की आवश्यकता है, परन्तु अभी प्रदेश के किसी भी तकनीकी काॅलेज या पाॅलीटेक्निक में खनन अभियंत्रण की पढ़ाई नहीं होती है। अतः प्राविधिक शिक्षा विभाग को प्रदेश के पाॅलीटेक्निक काॅलेज में खनन अभियंत्रण की पढ़ाई शुरु किए जाने हेतु प्रस्ताव भेजा जा रहा है और जल्द ही प्रदेश में माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरु की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध खनन एवं परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए एक टोल फ्री नं0- 18001805257 स्थापित किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति अवैध खनन एवं परिवहन की सूचना दे सकता है। उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर नई सूचना तकनीक के अंतर्गत एक वाॅट्स एप सुविधायुक्त मोबाइल नं0 दिया जा रहा है, जो मुख्य खान अधिकारी की निगरानी में रहेगा। उन्होंने कहा कि नई सूचना तकनीक के अंतर्गत ही सेटेलाइट से प्राप्त मानचित्रों व रिमोट सेन्सिंग तकनीक का उपयोग कर अवैध खनन की रोकथाम की जायेगी। खनन पट्टा क्षेत्रों के मानचित्रों को भविष्य में डिजिटाइजेशन किया जायेगा। 

श्री प्रजापति ने बताया कि रिमोट सेन्सिंग विभाग के सहयोग से जनपद मिर्जापुर में एक पाइलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के सफल होने के उपरान्त सम्पूर्ण प्रदेश में यह व्यवस्था अपनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग को पूर्ण कम्प्यूटरीकृत करने की योजना है, जिसके लिये कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि परिवहन प्रपत्रों एम0एम0-11 एवं प्रपत्र-सी के दुरूपयोग को रोकने हेतु निदेशालय स्तर से एक साफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है, जिससे किसी परिवहन प्रपत्र का सीरियल नम्बर को चिन्हित कर यह ज्ञात किया जा सकेगा कि वह किस जिले में, किस पट्टाधारक द्वारा और किस प्रकार के वाहन हेतु निर्गत किया गया है। 

प्रमुख सचिव, भूतत्व एवं खनिकर्म डाॅ0 गुरदीप सिंह ने बताया कि कोयले को छोड़कर अन्य खनिजों से प्राप्त राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि कोयले का पूर्ण लक्ष्य भारत सरकार के नियंत्रणाधीन कोल कम्पनी द्वारा पूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि विभाग के सुदृढ़ीकरण के लिये विभिन्न संवर्गों में नये पदों का सृजन किया गया है। अब प्रत्येक जनपद में कम से कम एक खान निरीक्षक, 32 खनिज बाहुल्य जनपदों में एक-एक खान अधिकारी तथा 04 महत्वपूर्ण जनपदों में एक-एक ज्येष्ठ खान अधिकारी तैनात होंगे। प्रदेश में अवैध खनन एवं परिवहन पर रोकथाम हेतु 46 खनिज जाॅंच चैकी की स्थापना प्रस्तावित है। इस प्रकार खनिज विकास, राजस्व वृद्धि एवं अवैध खनन व परिवहन पर रोकथाम हेतु विभाग और सुदृढ़ होगा। 

श्री प्रजापति द्वारा राजस्व वृद्धि में उत्कृष्ट एवं विशिष्ट कार्य करने वाले कुल 42 कार्मिकों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया। जनपद सोनभद्र, महोबा एवं इलाहाबाद के खान अधिकारियों को उत्कृष्ट एवं विशिष्ट कार्य हेतु गोल्ड मेडल तथा जनपद झाॅंसी, मिर्जापुर एवं हमीरपुर के खान अधिकारियों को सिल्वर मेडल प्रदान किया गया।