नई दिल्ली। करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान की कस्टडी में बेरहमी से मारे गए कैप्टन सौरभ कालिया की मौत की अंतर्राष्ट्रीय जांच से एनडीए सरकार ने इनकार किया है। सरकार ने संसद में इसकी जानकारी जिसके बाद से ये मामला तूल पकड़ने लगा है।

मोदी सरकार ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय अदालत में मामले को ले जाना प्रैक्टीकल नहीं है। 1999 में शहीद कालिया के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने ऐसी मांग की थी। तब विपक्ष में रही बीजेपी सरकार ने यूपीए सरकार के ऐसे ही फैसले पर उसे जमकर घेरा था। यूपीए ने कहा था कि ये मामला अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में नहीं ले जाया जा सकता है क्योंकि पाकिस्तान ऐसी इजाजत नहीं देगा।

कैप्टन सौरभ कालिया को करगिल युद्ध के दौरान 1999 में पाकिस्तान सेना ने बंधक बना लिया था और यातनाएं देकर मार डाला था। पाकिस्तान ने दावा किया था कि सौरभ का शव एक गड्ढे में मिला था और उसकी मौत सख्त मौसम की वजह से हुई।

वहीं सौरभ के पिता ने निराशा जताते हुए कहा कि मुझे बताया गया था कि पाकिस्तान के समक्ष ये मसला उठाया जायेगा पर ऐसा नहीं हुआ। यूपीए हो या एनडीए, दोनों सरकार की पाकिस्तान नीति लचर है। मैं बेहद दुखी हूं। जिस तरह से हमारे नेता मामले को बढ़ा रहे हैं उससे मैं नाखुश हूं। मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है, वही इस मामले में कुछ करेगी।