नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 8वीं बार अपने रेडियो के द्वारा देश की जनता से अपने ‘मन की बात’ कही। पीएम मोदी ने बोर्ड परीक्षाओं में सफल एवं विफल छात्रों दोनों को अपनी शुभकामनाएं दीं। पीएम ने भयंकर गर्मी, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, किसान चैनल और ‘वन रैंक वन पेंशन’ के बारे में अपने मन की बात रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा ‘भूकंप की भंयकर घटना ने मुझे बहुत विचलित कर दिया था तब भी मैंने ‘मन की बात’ की थी। इस समय भी भयंकर गर्मी है। गर्मी में अपना ख्याल रखें। ज्यादा पानी पीएं, शरीर को ढांक कर रखें। पशु-पक्षियों को पीने के लिए घर के बाहर पानी रखें। इससे भयंकर गर्मी में पशु-पक्षियों के जीवन की रक्षा हो जाएगी।

यह समय कहीं खुशी कहीं गम का है। मैं बोर्ड परीक्षाओं में सफल होने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देता हूं। आपने परीक्षा के पूर्व मेरे ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कही गई बातों का अनुसरण किया लेकिन आप की सफलता के पीछे आपकी साल भर की मेहनत है। जो परीक्षा में पास नहीं हुए हैं, उन्हें अपने लिए आगे का रास्ता चुनना होगा। ज्यादातर विद्यार्थियों को पता नहीं होता है क्या करना है, क्या पढ़ना है। संसार बहुत बड़ा हो चुका है, अवसरों की सीमा नहीं है। आप अपने स्वभाव, प्रकृति के हिसाब से रास्ता चुनें।

देश को उत्तम शिक्षकों, कलाकारों, वैज्ञानिकों और खिलाड़ियों की जरूरत है। विविधता से भरा विश्व है। आपके सपनों और देश के सपनों में मेलजोल होना चाहिए। जो विफल हुए हैं उनसे मुझे वही कहना है कि सफलता और विफलता जीवन के हिस्से हैं। आज की विफलता आपको जानने, अपने शक्तियों को पहचानने का अवसर दे सकती है। विफलता एक अवसर होती है। विफलता के बीच भी आशा का अवसर समाहित होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, मेरी सरकार का एक साल हो गया। लोगों ने बारीकी से विश्लेषण किया। कुछ ने आलोचना किया। कुछ ने सराहना की। मेरे लिए गत महीने की दो बातें मुझे आनंद देती हैं। मैं गरीबों के लिए नए-नए चीजें शुरू करने की सोचता हूं। हमारी सरकार ने तीन सामाजिक सुरक्षाओं की शुरुआत की। हमारी सरकार ने जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना तीन सामाजिक योजनाएं शुरू की। करीब एक महीने में 8 करोड़ 52 लाख से अधिक लोग इन योजनाओं से जुड़ गए। यह हश्र का विषय है।

दूसरी महत्वपूर्ण बात है-किसान चैनल की शुरुआत। मेरे लिए किसान चैनल महत्वपूर्ण है। इस चैनल से मैं भविष्य को देखता हूं। परंपरागत कृषि से आधुनिक कृषि की ओर बढ़ना है। किसान चैनल से फसल की उत्पादकता कैसे बढ़े, मौसम के बारे में जाना जा सकता है। पशुओं से जितना दूध उत्पादन होना चाहिए उतना नहीं हो पाता है। दूध उत्पादन बढ़ाने में यह चैनल उपयोगी हो सकता है। खेती-किसानी को वैज्ञानिक तरीके से करने की जरूरत है।

मैं देश की सुरक्षा में जुड़े सेना के जवानों और सेना के पूर्व जवानों से कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार ‘वन रैंक वन पेंशन’ लागू करेगी। ‘वन रैंक वन पेंशन’ के बारे में पूर्व की सरकारों ने बात की है। यह 40 साल पुराना मसला है। जो लोग मेरी सरकार पर निशाना साध रहे हैं वे केवल राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। मेरी सरकार ‘वन रैंक वन पेंशन’ लागू करेगी। यह थोड़ा पेचीदा विषय है। इसका रास्ता खोजने में सरकार लगी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं-यही सरकार ‘वन रैंक वन पेंशन’ का समाधान निकालेगी।