लखनऊ: प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मंत्री कैलाश चौरसिया ने कहा कि राज्य पोषण मिशन प्रदेश सरकार का एक प्राथमिकता कार्यक्रम है। इसलिए सभी स्तर के विभगाीय अधिकारियों को इसके कार्यान्वयन और इसकी सफलता की ओर विशेष ध्यान देना होगा। इस मिशन से जुडे़ अधिकारियों की किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, वहीं अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित भी किया जायेगा।

श्री चौरसिया आज यहां योजना भवन में राज्य पोषण मिशन के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं। यदि वे कमजोर एवं कुपोषित होंगे तो देश की प्रगति और विकास भी प्रभावित होगा। इसलिए जरूरी है कि इस मिशन को इसके सही अर्थों में लिया जाय और बच्चों की कुपोषण संबंधी समस्या का पूरे मनोयोग से निराकरण किया जाय।

समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रमुख सचिव कुमार कमलेश ने कहा कि बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा मुख्य सेविका अपने कार्यों को सेवा कार्य समझकर पूरी लगन व निष्ठा से सम्पादित करें। उन्होंने कहा कि यदि उनके क्षेत्र का कोई बच्चा एन0आर0सी0 में भर्ती है तो जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता वे बराबर उसके सम्पर्क में रहें। यदि बच्चा गम्भीर रोग से पीड़ित है तो डी0एम0 तथा सी0डी0ओ0 को अवगत करायें।

प्रमुुख सचिव ने कहा कि जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्यसेविका निर्धारित मानक के अनुसार आॅगनबाड़ी केन्द्र तथा परियोजना कार्यालय का निरीक्षण करें तथा 0 से 5 वर्ष के बच्चों का नियमित वजन एवं ग्रोथ चार्ट पर अंकन किया जाय। यदि अधिकारी नियमित मानक के अनुसार आॅगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण नही करते हंै तो उनके विरूद्व कठोर कार्यवाही की जायेगी। साथ ही, आॅगनबाड़ी केन्द्र नियमित रूप से खोले जायें तथा आॅगनबाड़ी केन्द्रों को सुचारू रूप से संचालित किया जाय। उन्होनें कहा कि जनपदस्तर पर स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज्य विभाग एवं आई0सी0डी0एस0 विभाग द्वारा समन्वय स्थापित कर विभाग के कार्यक्रम को सुदृढ किया जाए।

श्री कुमार कमलेश ने कहा कि जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक सप्ताह में 04 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा एक परियोजना कार्यालय बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा सप्ताह में 03 दिन तथा 06 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें तथा मुख्य सेविका द्वारा माह में 18 दिन तथा प्रतिदिन 01 केन्द्र का निरीक्षण करें। साथ ही पोषाहार के दुरुपयोग पाये जाने पर भी कड़ी कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। गम्भीर अल्प वजन वाले बच्चों को दुगना पोषाहार, स्वास्थ्य प्रशिक्षण और सन्दर्भन किये जाने के निर्देश दिये गये।  बैठक में आई0सी0डी0एस0 विभाग के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु नुक्कड़ नाटक इत्यादि का आयोजन भी करने हेतु निर्देश दिये गये।  

महानिदेशक, राज्य पोषण मिशन कामरान रिज़वी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत गठित टीम द्वारा जब ग्राम सभा का भ्रमण किया जाता है तो आई0सी0डी0एस0 कर्मी यह सुनिश्चत करेंगे कि केन्द्र के सभी बच्चे एवं किशोरियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो। उन्होंने कहा कि गोद लिये गये ग्राम सभाओं में पंचायत विभाग द्वारा सभी ग्रामों मे शौचालयों का निर्माण कराया जाना है। जिला कार्यक्रम अधिकारी जनपद स्तर पर पंचायत राज अधिकारी से सम्पर्क कर इसका निर्माण कार्य करायें। साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिलकर स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं लाभार्थियों को प्राप्त कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करायें तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी अपने जनपद में माह दिसम्बर, 2014 से जनपद में चिन्हित लाल श्रेणी के बच्चों की फीडींग वेबसाइट पर करें।