लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेज तथा उससे सम्बन्धित चिकित्सालय के लिए भूमि के अन्तरण पर स्टाम्प शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट दी है। इस सम्बन्ध में छूट दिये जाने की प्रक्रिया निर्धारित न होने के कारण निजी क्षेत्र में मेडिकल कालेज और उससे सम्बन्धित चिकित्सालय खोलने वाले उद्यमियों/संस्थाओं को छूट हासिल करने में कुछ कठिनाईयां आ रही थी। इन कठिनाईयों के निराकरण के लिए शासन द्वारा छूट हासिल करने की प्रक्रिया निर्धारित कर दी गयी है।

इस हेतु एम0सी0आई0 मानक के आधार पर भूमि/स्थावर सम्पत्ति के अन्तरण पर स्टाम्प शुल्क से छूट प्राप्त करने की प्रक्रिया के अनुसार सम्बन्धित संस्थान द्वारा क्रय किये जाने पर देय स्टाम्प शुल्क की धनराशि कलेक्टर स्टाम्प से मूल्यांकित/आंगणित कराकर महानिदेशक शिक्षा एवं प्रशिक्षण लखनऊ को निर्धारित प्रपत्र पर आवदेन प्रस्तुत किया जायेगा। सम्बन्धित संस्था द्वारा प्रपत्र के साथ परियोजना प्रस्ताव को प्राप्त होने वाले स्टाम्प शुल्क के समतुल्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुसूचित किसी बैंक से महानिरीक्षक निबन्धन उत्तर प्रदेश के पक्ष में बिना शर्त तथा अखण्डनीय बैंक गारण्टी 5 वर्ष 6 माह की अवधि के लिए दी जायेगी। सम्बन्धित फर्म द्वारा अन्डरटेकिंग शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया जायेगा। स्टाम्प शुल्क में छूट प्राप्त भूमि का उपयोग केवल एम0सी0आई0 मानक के अनुसार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के संचालन हेतु किया जायेगा। अधिकतम 5 वर्ष की अवधि में एम0सी0आई0 से अनुमति प्राप्त कर छात्रों को प्रवेश देना होगा। यदि सम्बन्धित संस्था शर्तों का उल्लंघन करती है तो बैंक गारण्टी को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जब्त कर राजकोष में जमा कर दिया जायेगा। जिस पर संस्था को कोई आपत्ति नहीं होगी। 

महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण द्वारा स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान करने सम्बन्धी आवेदन पत्र के साथ बैंक गारण्टी एवं शपथ पत्र प्राप्त होने के 7 दिनों के अन्दर सम्बन्धित जिला मजिस्ट्रेट एवं सहायक महानिरीक्षक निबन्धन से स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान करने का अनुरोध किया जायेगा। 

यदि सम्बन्धित संस्थान/निजी मेडिकल कालेज द्वारा राज्य सरकार की अनापत्ति के बाद एम0सी0आई0 से मान्यता प्राप्त कर छात्रों का प्रवेश 5 वर्ष के पहले कर लिया जाता है तो महानिदेशक को आवेदन दे कर बैंक गारण्टी को अवमुक्त करने का अनुरोध कर सकता है। महानिदेशक द्वारा सम्यक निरीक्षण कर बैंक गारण्टी अवमुक्त करने की संस्तुति महानिरीक्षक निबन्धन से की जायेगी। संस्था द्वारा 5 वर्ष की अवधि के अन्दर शर्तें पूर्ण कर बैंक गारण्टी को अवमुक्त करने का अनुरोध प्राप्त न होने पर महानिदेशक द्वारा 5 वर्ष की समाप्ति के एक माह के अन्दर संस्था द्वारा शर्तें पूरी करने का परीक्षण किया जायेगा। परीक्षण के दौरान संस्था द्वारा नियत शर्तें पूर्ण न करने अथवा छूट का दुरूपयोग करने पर नोटिस जारी कर स्टाम्प शुल्क के छूट के समतुल्य बैंक गारण्टी जब्त कर धनराशि प्राप्त कर ली जायेगी। संस्था नोटिस के एक माह के अन्दर विलम्बतम किसी दशा में 5 वर्ष 06 माह अवधि पूर्ण होने पर 02 माह पूर्व शर्तों को पूर्ण करने अथवा अवधि विस्तार हेतु शर्तोंे के अनुसार उत्तर उपलब्ध करायेगी। निर्धारित अवधि में संस्था का उत्तर प्राप्त न होेने पर महानिदेशक की संस्तुति पर महानिरीक्षक निबन्धन/आयुक्त स्टाम्प द्वारा बैंक गारण्टी जब्त करने की कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी। 

संस्था द्वारा समस्त विधिक औपचारिकताएं पूर्ण कर निर्माण कार्य कराया जायेगा। यदि सम्बन्धित संस्थान किन्हीं कारणों से मेडिकल कालेज संचालित करने हेतु 05 वर्षों में एम0सी0आई0 से मान्यता प्राप्त न होने पर अतिरिक्त समय की मांग करता है तो दो शर्तों की पूर्ति करने पर अधिकतम 02 वर्ष का समय विस्तार शासन द्वारा प्रदान किया जायेगा इस हेतु बैंक गारण्टी की अवधि दो वर्ष बढ़ा दी जायेगी तथा स्टाम्प शुल्क में छूट हेतु आंगणित स्टाम्प शुल्क की धनराशि के 1.5 गुना बैंक की गारण्टी दी जायेगी।

सम्बन्धित संस्थान द्वारा 07 वर्ष की अवधि में भी एम0सी0आई0 से मान्यता प्राप्त कर मेडिकल कालेज का संचालन नहीं किया जाता है तो बैंक गारण्टी के रूप में उपलब्ध धनराशि जब्त कर शासन द्वारा राजकोष में जमा कर लिया जायेगा। सम्बन्धित संस्था स्टाम्प शुल्क में छूट वाली भूमि का उपयोग मेडिकल कालेज/अस्पताल के संचालन से भिन्न किसी अन्य प्रायोजन मंे करने पर बैंक गारण्टी के रूप में जमा धनराशि को जब्त करने के साथ-साथ बैंक गारण्टी की तिथि से 18 प्रतिशत की ब्याज की दर से वसूली भूराजस्व की भांति की जायेेगी।